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ईको सामुदायिक होस्टल बनाए सरकार तो लगेंगे पर्यटन को पंख

सरकार प्रदेश में ईको सामुदायिक होस्टल बनाए तो पर्यटन को पंख लग सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 03:13 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 03:13 AM (IST)
ईको सामुदायिक होस्टल बनाए सरकार तो लगेंगे पर्यटन को पंख
ईको सामुदायिक होस्टल बनाए सरकार तो लगेंगे पर्यटन को पंख

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : सरकार प्रदेश में ईको सामुदायिक होस्टल बनाए तो पर्यटन को पंख लग सकते हैं। इन ईको सामुदायिक होस्टल में हिमाचली संस्कृति के अनुरूप परंपरागत तरीके से ठहरने और खान-पान की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और पर्यटक प्रदेश की संस्कृति व खान-पान से रू-ब-रू होंगे। यह नवोन्मेषी विचार मुलथान के अमित ने जिला उद्योग केंद्र की ओर से धर्मशाला में मुख्यमंत्री स्टार्टअप नवाचार परियोजनाएं व नई उद्योग योजना के संबंध में आयोजित कार्यशाला के दौरान नवोन्मेषी विचार स्पर्धा में दिया। उनका यह विचार प्रथम स्थान पर रहा।

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प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर डरोह के सचिन कोरला रहे। उन्होंने प्लास्टिक कूड़े से कोलतार बनाकर सड़कों पर बिछाने और प्लास्टिक एवं थर्मोकोल की प्लेटों के विकल्प के तौर पर पत्तों से बने डूने और पत्तलों के उपयोग को बढ़ावा देने का विचार दिया। तीसरे स्थान पर रहे टंग नरवाणा के विशाल भट्ट ने प्राकृतिक कृषि विधि से फूलों की खेती व मधुमक्खी पालन का सुझाव दिया। विशाल के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे बरोट के युद्धवीर ¨सह ने ग्रामीण इलाकों में गैर कृषि भूमि पर औषधीय पौधे लगाने का विचार पेश किया, ताकि लोगों की आमदनी बढ़ सके।

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मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के तहत सरकार देगी ब्याज में पांच प्रतिशत छूट कार्यशाला में भाग लेने वाले उद्यमियों, विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थियों एवं उद्योग लगाने के इच्छुक युवाओं को मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना की जानकारी दी गई। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक ओम प्रकाश जरियाल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार इस योजना के तहत पहली अप्रैल, 2016 के बाद स्थापित उद्योग व नया औद्योगिक यूनिट लगाने के लिए 25 लाख रुपये तक का ऋण लेने वाले उद्यमी को तीन वर्ष तक ब्याज में पांच प्रतिशत की छूट प्रदान करेगी। नई औद्योगिक इकाइयों को तीन साल तक निरीक्षण में भी छूट प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के तहत राज्य सरकार तीन वर्ष तक प्रति इनक्यूबेटर संगठन को 30 लाख रुपये तक की उदार वित्तीय सहायता प्रदान करने के अतिरिक्त प्रशिक्षण और परामर्श भी देगी। इस योजना के तहत किसी भी तरह की आधिकारिक औपचारिकता के लिए केवल स्वयं प्रमाणित दस्तावेज और प्रमाण पत्र ही काफी होंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना और खाद्य प्रसंस्करण मिशन के बारे में भी जानकारी दी गई। कार्यशाला में उद्यान विभाग सहित बैंकों ने भी स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर सदस्य सचिव संदीप कुमार, उद्यान विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ संजय गुप्ता, अग्रणी बैंक प्रबंधक कार्यालय से राकेश शर्मा, उद्योग विभाग के प्रबंधक विनय वर्मा भी उपस्थित थे।


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