लापरवाही पी गई झील का पानी
मैक्लोडगंज डल झील फिर से सूखनी शुरू हो गई है। इसकी वजह पानी का रिसाब होना है। डल झील में सैकड़ों मछलियों को बचाने के लिए अब उन्हें शिफ्ट करने का कार्य भी शुरू हो गया है। हालांकि
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : मैक्लोडगंज क्षेत्र में आस्था का केंद्र डल झील सूखनी शुरू हो गई है। इसका मुख्य कारण पानी का रिसाव माना जा रहा है। झील में डाली गई सैकड़ों मछलियों को बचाने के लिए उन्हें शिफ्ट करने का कार्य शुरू हो गया है। हालांकि मत्स्य विभाग की टीम शुक्रवार को ही मैक्लोडगंज पहुंच गई थी, लेकिन मछलियों को पकड़कर शिफ्ट करने का कार्य शनिवार को शुरू किया गया। इस दौरान एसडीएम कार्यालय की टीम भी मौके पर मौजूद रही। झील से मछलियों को शिफ्ट करने का कार्य देर सायं तक चलता रहा और उन्हें खड्डों में डाला जा रहा है। पांच साल पहले भी झील के पानी का रिसाव शुरू हुआ था और उस समय भी मछलियों को नजदीकी खड्डों में छोड़ा था। हालांकि इसके बाद रिसाव को रोकने के लिए पर्यटन विभाग ने कार्य शुरू किया था, लेकिन विभागीय लापरवाही से अब फिर से यही समस्या पैदा हो गई है। शनिवार को झील में मछलियों को पकड़ने में न्यास सदस्यों अशोक जरयाल एंडी, अनिल, सुभाष पंडित, कुलदीप बिटू, करनैल, करतार, ललित, सुभाष, अनिल, कमलेश व अशोक शर्मा सहित अन्य ने सेवाएं दीं।
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'झील से मछलियों को शिफ्ट करने का कार्य शनिवार सुबह शुरू किया और देर शाम तक जारी रहा। मछलियों को नजदीकी खड्डों में छोड़ा जा रहा है। झील में रिसाव के कारण ही यह कदम प्रशासन को उठाना पड़ा है।'
-धर्मेश रामोत्रा, एसडीएम धर्मशाला।
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'झील के रिसाव के कारणों का पता लगाने के लिए भूविज्ञानी एवं वेटलैंड विशेषज्ञ से जांच करवाई जाएगी। इसके लिए उच्चाधिकारियों से मंजूरी ली जाएगी। हालांकि मौखिक रूप से अवगत करवा दिया है और जल्द स्वीकृति के लिए लिखा जाएगा।'
-मधु चौधरी, उपनिदेशक पर्यटन विभाग धर्मशाला
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राधा अष्टमी पर होता है स्नान
डल झील को मिनी मणिमहेश के रूप में जाना जाता है और राधाष्टमी को यहां पवित्र स्नान भी होता है। झील प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है और लोगों की आस्था का केंद्र है।