ई-चालान से सुधरेगी यातायात व्यवस्था : मरडी
यातायात नियमों को सही तरीके से लागू करने के लिए प्रदेश में शुरू की गई ई-चालान प्रणाली से प्रदेश भर में यातायात व्यवस्था सुधर जाएगी।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। पुलिस महानिदेशक सीता राम मरडी ने कहा है कि यातायात नियमों को सही तरीके से लागू करने के लिए प्रदेश में शुरू की गई ई-चालान प्रणाली से प्रदेशभर में यातायात व्यवस्था सुधरेगी। इस प्रणाली से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले को ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा मिलेगी। साथ ही पुलिस बार-बार नियम तोड़ने वालों का पता भी लगा पाएगी। ऐसे लोगों के लाइसेंस रद कर ज्यादा जुर्माना वसूला जाएगा। सीता राम मरडी शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभागार में उत्तरी क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बैठक में मुख्य रूप से यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने और चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने पर दिशानिर्देश दिए गए। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में पुलिस महानिदेशक ने कहा, पुलिस प्रशासन ने पिछले वर्ष से स्नातक कांस्टेबलों को चालान करने की शक्तियां दी हैं, इससे प्रशासन को राहत मिली है। अब जल्द पुलिस तीन वर्ष से कम कैद वाले अपराधी की तफ्तीश करने की शक्तियां भी स्नातक कांस्टेबलों को देगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नशे को खत्म करने के लिए प्रशासन मोबाइल फोन एप बना रहा है। इस एप से नशे के कारोबार संबंधी सूचना दी जा सकेगी।
इस मौके पर पुलिस महानिरीक्षक उत्तरी क्षेत्र अतुल फुलझेले, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कांगड़ा संतोष पटियाल, पुलिस अधीक्षक विजिलेंस कांगड़ा अरुल कुमार, जिला चंबा व ऊना के पुलिस अधीक्षकों के अलावा अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। आपराधिक गतिविधियों में आई कमी डीजीपी सीताराम मरडी ने कहा कि उत्तरी खंड के तहत आते जिला कांगड़ा, चंबा और ऊना में आपराधिक गतिविधियों में कमी दर्ज की गई है। डीजीपी ने कहा कि वर्ष 2019 में 30 अप्रैल तक हत्या के छह मामले दर्ज हुए, जबकि 2018 में इस अवधि के दौरान 16 मामले दर्ज हुए थे। वहीं इस वर्ष अभी तक हत्या के प्रयास के चार मामले दर्ज हुए हैं।
क्या है ई-चालान
राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआइसी) की ओर से एक सॉफ्टवेयर बनाया गया है। इससे चालक ऑनलाइन अपना चालान भुगत सकता है। वहीं अगर किसी वाहन चालक का चालान होता है तो चालक का लाइसेंस और किस नियम को तोड़ने को लेकर कब चालान हुआ है उनकी पूरी जानकारी सॉफ्टवेयर में अपडेट की जाती है। इसके बाद अगर किसी चालक का फिर चालान होता है और अपडेट किया जाता है तो पता लग जाता है कि चालक के खिलाफ किस राज्य में कितने चालान हो चुके हैं।
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