शक्तिपीठों को खोलने की कवायद
श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी के साथ ही श्री चामुंडा श्री बज्रेश्वरी व श्री ज्वालामुखी मां के दर्शन होंगे। इस दिशा में प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि प्रशासन ने तैयारियों के निर्देश दे दिए हैं लेकिन अभी तक स्टैंडर्ड
जागरण टीम, धर्मशाला : जिला प्रशासन ने शक्तिपीठों को खोलने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सिर्फ सरकार के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी के साथ ही मां के दर्शन करवाए जाएंगे। शनिवार को श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर न्यास व श्री ज्वालामुखी मंदिर ट्रस्ट की बैठक हुई और मंथन किया गया कि मंदिर खुलने पर कैसे भक्तजनों को दर्शन करवाए जाएं। श्री चामुंडा मंदिर नंदिकेश्वर धाम का सहायक मंदिर आयुक्त एवं एसडीएम के साथ-साथ मंदिर अधिकारी ने निरीक्षण किया है। 17 मार्च को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जिले के तीनों शक्तिपीठों के कपाट बंद कर दिए थे।
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एसडीएम ने श्री चामुंडा मंदिर में जांची व्यवस्था
श्री चामुंडा मंदिर का शनिवार को सहायक मंदिर आयुक्त एवं एसडीएम धर्मशाला डॉ. हरीश गज्जू ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए। मंदिर अधिकारी अपूर्व ने भी स्थिति का जायजा लिया। वर्तमान में सुबह-शाम पूजा के साथ मां की आरती हो रही है और इसका यू-ट्यूब पर प्रसारण किया जा रहा है।
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श्री बज्रेश्वरी मंदिर में आने-जाने के लिए होंगे अलग-अलग रास्ते
श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर न्यास की बैठक मंदिर आयुक्त एवं एसडीएम कांगड़ा जतिन लाल की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर फैसला लिया गया कि मंदिर के कपाट खुलने पर श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते होंगे। शारीरिक दूरी बनाने के लिए मंदिर परिसर में गोले चिह्नित किए जाएंगे। इसके अलावा श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिग की जाएगी। स्वास्थ्य कर्मचारियों के अलावा सुरक्षाकर्मी मंदिर परिसर में भक्तों को सुरक्षा उपायों के संबंध में जागरूक करेंगे।
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जूता शेड के समीप काउंटर का निर्माण होगा और इसमें हर श्रद्धालु को विवरण देना होगा। इसके बाद ही भक्तों को मंदिर के भीतर प्रवेश करने की अनुमति मिलेगी।
-जतिन लाल, सहायक मंदिर आयुक्त एवं एसडीएम कांगड़ा।
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श्री ज्वालामुखी मंदिर में नहीं ले जा सकेंगे प्रसाद
श्री ज्वालामुखी मंदिर न्यास के सदस्यों, प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक शनिवार को हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि मंदिर के मुख्य द्वार पर ही श्रद्धालुओं को सैनिटाइज करने की व्यवस्था की जाएगी। श्रद्धालुओं को मास्क पहनना जरूरी होगा। इसके साथ ही हर श्रद्धालु के बीच छह फीट की दूरी होनी चाहिए। मंदिर के अंदर प्रसाद न ले जाने पर भी चर्चा की गई है।
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अगर मंदिर खोले जाते हैं तो मास्क पहनने, शारीरिक दूरी बनाने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने पर जोर दिया जाएगा।
-अंकुश शर्मा, सहायक मंदिर आयुक्त एवं एसडीएम ज्वालामुखी।
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प्रशासन ने तय किए हैं ये नियम
-मां के दर्शन के लिए मास्क पहनकर आना होगा।
-एंट्री पर मिलेगी सैनिटाइजर की व्यवस्था।
-आने व जाने के लिए होंगे अलग-अलग रास्ते।
-दर्शन के बाद न मिलेगा नारियल न ही प्रसाद।
-न होगा जल छिड़काव, न ही जलाभिषेक।
-गृभ गृह के बाहर से करने होंगे दर्शन, घंटी बजाने पर भी रोक।
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अभी मंदिरों को खोलने के कोई निर्देश नहीं मिले हैं। सिर्फ व्यवस्था को पुख्ता किया जा रहा है। कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है।
-राकेश कुमार प्रजापति, मंदिर आयुक्त एवं डीसी कांगड़ा