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फैक्टर-तीन के हिसाब से मिले मुआवजा

फोरलेन संघर्ष समिति नूरपुर जोन का एक प्रतिनिधिमंडल समिति महासचिव विजय ¨सह

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 07:19 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 07:19 PM (IST)
फैक्टर-तीन के हिसाब से मिले मुआवजा
फैक्टर-तीन के हिसाब से मिले मुआवजा

संवाद सूत्र, जसूर : फोरलेन संघर्ष समिति नूरपुर जोन का एक प्रतिनिधिमंडल समिति महासचिव विजय ¨सह हीर की अगुवाई में एसडीएम नूरपुर सुरेंद्र ठाकुर से मिला। प्रतिनिधिमंडल द्वारा फोरलेन की चपेट में आने वाले कंडवाल से भाली तक के लोगों को फैक्टर-तीन के हिसाब से मुआवजा देने के लिए एक ज्ञापन सौंपा। उन्होने बताया कि इस जगह फोरलेन के कारण होने वाले प्रभावितों को सरकार की ओर से कोई जानकारी नहीं दी जा रही कि उन्हें भूमि अधिग्रहण के एवज में मुआवजा किस आधार पर मिलेगा जबकि राजस्व विभाग द्वारा लोगों को सूचना दी जा रही है कि वे आधार, पैन तथा बैंक खातों आदि का विवरण संबंधित पटवार सर्किल को दें, लेकिन हैरानी का विषय यह है कि जिन्हें मुआवजा दिया जाना है उन्हें अभी तक यह ही मालूम नहीं है कि उन्हें मुआवजा किस आधार पर मिलेगा। प्रभावित एकपक्षीय निर्णय को किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे। प्रदेश के प्रवेश द्वार कंडवाल से लेकर भाली तक सड़क के किनारे लगती भूमि व्यवसायिक श्रेणी के हिसाब से बहुमूल्य है और उक्त क्षेत्र में सैकड़ों पौंग बांध विस्थापित उजड़ कर फिर से बसे थे, उनको फिर से विस्थापन की मार झेलनी पड़ रही है। इसलिए इस भूमि को व्यवसायिक श्रेणी में रखते हुए फैक्टर-तीन के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए क्योंकि जो लोग अपने कारोबार से उजड़ेंगे उन्हें उचित मुआवजे से ही फिर से बसने में आसानी होगी। संघर्ष समिति ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि कम से कम 10 लाख रुपये प्रति मरला भूमि व दो लाख प्रति स्क्वेयर मीटर मकान, भवन तथा व्यवसायिक संस्थान आदि के मुआवजे दिया जाए, ताकि इससे प्रभावित होने वाले लोग दूसरी जगह जाकर उचित ढंग से बस सकें। संघर्ष समिति ने सरकार को चेताया कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो लोग सड़क पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन और आत्मदाह जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। यदि उचित मुआवजा नहीं मिला तो लोग बहुमूल्य जमीनों का अधिग्रहण नहीं करने देंगे।

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फोरलेन से होने वाले प्रभावितों का प्रतिनिधिमंडल मिला है। संघर्ष समिति ने मांगों को लेकर प्रशासन को अवगत करवाया है। मुआवजे को लेकर अभी सरकार के कोई दिशानिर्देश नहीं आए हैं। सरकार के निर्णय के बाद ही पता चलेगा कि मुआवजा किस आधार पर दिया जाएगा। फोरलेन से होने वाले प्रभावितों की मांगों को पत्र जिला प्रशासन को प्रेषित कर दिया गया है।

-सुरेंद्र ठाकुर, एसडीएम नूरपुर।


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