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काजल के रोड शो में गद्दी नाचे, ओबीसी चेहरे नदारद

कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से ओबीसी की टिकट पर अपना दाव खेलने वाली कांग्रेस के इस संसदीय क्षेत्र के चुनावी श्रीगणेश में काजल के रोड शो में गद्दी जमकर नाचे तो ओबीसी नेता दूर रहे। ओबीसी की टिकट के सहारे कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी किशन कपूर के मुकाबले में ओबीसी से जुड़े कांगड़ा वि

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 09:31 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 06:36 AM (IST)
काजल के रोड शो में गद्दी नाचे, ओबीसी चेहरे नदारद
काजल के रोड शो में गद्दी नाचे, ओबीसी चेहरे नदारद

दिनेश कटोच, पुराना मटौर (कांगड़ा)

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कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी पवन काजल के रोड शो में गद्दी समुदाय के लोग खूब नाचे जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के चेहरे दूर ही रहे। कांग्रेस ने गद्दी समुदाय से संबंधित भाजपा प्रत्याशी किशन कपूर के मुकाबले ओबीसी से जुड़े कांगड़ा के विधायक पवन काजल को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने गद्दी नृत्य का सहारा लेकर समुदाय के वोट बैंक को साधने का प्रयास भले ही किया है पर देखना होगा कि वोट के रूप में यह कांग्रेस के पक्ष में कितना रहता है। कांग्रेस के कार्यक्रम में ओबीसी से संबंधित पूर्व संसदीय सचिव जगजीवन पाल ही मौजूद रहे। पूर्व सांसद व जिले में ओबीसी का चेहरा रहे चंद्र कुमार, पूर्व संसदीय सचिव सुरेंद्र काकू सहित इस वर्ग के कई नेताओं ने समारोह से कन्नी काटना बेहतर समझा। ओबीसी बहुल माने जाने वाले नगरोटा बगवां का प्रतिनिधित्व करते रहे पूर्व मंत्री जीएस बाली रोड शो में नहीं आए।

रोड शो के बाद पुराना मटौर में आयोजित जनसभा में वीरभद्र सिंह खेमा काजल के साथ चट्टंान की तरह डटा नजर आया। इस खेमे से जुड़े नेताओं ने पवन की उड़ान को पंख देने का वादा किया। तय हुआ कि जल्द ही वीरभद्र सिंह कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में डेरा जमाएंगे और काजल की जीत के लिए पसीना भी बहाएंगे। चंबा जिले में वीरभद्र सिंह का काफी प्रभाव है, जो काजल के लिए एक तरह से अछूता क्षेत्र है। ऐसे में वीरभद्र के साथ से उनके चुनाव अभियान को निश्चित तौर पर संबल मिलेगा।

समारोह में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव जगजीवन पाल सहित विधायक आशीष बुटेल व जिला कांगड़ा के सभी पूर्व विधायक मौजूद रहे। इस दौरान कांग्रेस के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व भाजपा प्रत्याशी किशन कपूर भी रहे। कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल पर सवाल उठाए। उल्लेखनीय है कि पवन काजल को प्रत्याशी बनाने से पहले पूर्व मंत्री जीएस बाली व सुधीर शर्मा के नाम पर भी चर्चा पार्टी हाईकमान ने की थी लेकिन पार्टी ने इतिहास को दोहराते हुए ओबीसी प्रत्याशी के नाम पर दांव खेला है। अब भाजपा और कांग्रेस में चुनावी जंग तेज होगी और आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच दोनों ही प्रत्याशी जनता के बीच दिग्गजों के साथ होंगे।


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