रेफरल यूनिट बना सिविल अस्पताल पालमपुर
सिविल अस्पताल पालमपुर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के विभाग के दावे हवा हो रहे हैं। भले ही स्वास्थ्य विभाग ने इसे स्तरोन्नत कर 200 बिस्तर का किया है मगर अभी भी लोगों को इस स्तर की सुविधाएं मुहैया नहीं हो रहीं हैं। तुर्रा यह भी कि प्रदेश में 200 बिस्तर के एकमात्र अस्पताल में सरकार ने चिकित्सा अधीक्षक की तैनाती करने सहित उचित मात्रा में चिकित्सकों की फौज
संवाद सहयोगी, पालमपुर : सिविल अस्पताल पालमपुर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के विभाग के दावे हवा हो रहे हैं। भले ही विभाग ने इसे स्तरोन्नत कर 200 बिस्तर का किया है मगर अब भी लोगों को इस स्तर की सुविधाएं मुहैया नहीं हो रही हैं। प्रदेश सरकार ने 200 बिस्तर के अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक समेत काफी संख्या में चिकित्सक तैनात किए हैं लेकिन सिविल अस्पताल पालमपुर मात्र रेफरल की भूमिका ही निभा रहा है।
रविवार को स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के दौरान बैजनाथ से लाए गए मरीज को चिकित्सीय जांच के बिना ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि 26 वर्षीय युवक अधरंग से पीड़ित था। सिविल अस्पताल बैजनाथ में प्राथमिक उपचार के बाद उसे यह सोचकर सिविल अस्पताल पालमपुर रेफर किया कि योग्य चिकित्सकों के कारण उचित उपचार की सुविधा मिलेगी। हैरानी की बात है कि अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री के मौजूद रहने और सभी चिकित्सक होने के बावजूद आपातकालीन सेवाओं में ईएनटी विशेषज्ञ ने रोगी की हालत को गंभीर बताते हुए उसे टांडा रेफर कर दिया। इस बीमारी से संबंधित चिकित्सकों ने मरीज की जांच करने की बजाय स्वास्थ्य मंत्री के भाषण को अधिमान दिया। सूत्र बताते हैं कि एक व्यक्ति ने इस संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री को भी जानकारी दी थी। बैजनाथ से रेफर हुए मरीज के तीमारदार भी टांडा भेजने से पहले चिकित्सकों से गहन जांच करने की मांग को अनसुना कर दिया गया। हालांकि सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनय महाजन ने स्वयं एंबुलेंस के पास पहुंचकर मरीज को टांडा भेजने की औपचारिकताएं जांचते हुए कार्य में सहयोग किया। दौरे के दौरान उपस्थित लोहना निवासी चमेल सिंह राणा ने अस्पताल प्रशासन के इस कार्य की निंदा की है। उन्होंने बताया कि पिछले कई माह से अस्पताल में किसी भी गंभीर मरीज को चिकित्सा दिए बिना ही टांडा रेफर किया जा रहा है। यहां तक कि आधी रात को टांडा रेफर किए मरीजों को वहां प्राथमिक उपचार के बाद घर भेजा गया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग व प्रदेश सरकार से इस संबंध में कार्रवाई की गुहार लगाई है।
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अधरंग से पीड़ित रोगी को बैजनाथ से यहां लाया गया था। अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट विशेषज्ञ नहीं होने से मरीज को टांडा अस्पताल रेफर किया है।
-डॉ. विनय महाजन, एमएस, सिविल अस्पताल पालमपुर