डीपीआर तैयार, निर्माण की दरकार
नगरोटा सूरियां की नन्दपुर भटोली-जलरियां सड़क व खड्ड पर पुल निर्माण कार्य डीपीआर तैयार करने से आगे नहीं बढ़ पाया है।
नगरोटा सूरियां, रक्षपाल धीमान। देहरा विधानसभा हलके के तहत विकास खंड नगरोटा सूरियां की नंदपुर भटोली-जलरियां संपर्क सड़क की दशा सुधारने व मार्ग पर आने वाली माहला खड्ड पर पुल निर्माण का कार्य प्रारूप बनाने व डीपीआर तैयार करने से आगे नहीं बढ़ पाया है। हर बार चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दल इसे चुनावी मुद्दा बनाते हैं, लेकिन सत्ता में आते ही सब भूल जाते हैं।
इस बार देहरा की तीन और जवाली की तीन पंचायतों के बा¨शदों ने फैसला लिया है कि जो दल माहला खड्ड पर पुल निर्माण कर सड़क की दशा सुधारने के कार्य को घोषणापत्र में शामिल कर आश्वासन देगा उसे ही समर्थन दिया जाएगा, नहीं तो नोटा का बटन दबाएंगे। यह कहना है देहरा हलके की गुलेर, नंदपुर भटोली, लुदरेट और जवाली हलके की खब्बल, कथोली व बरियाल पंचायतों के बाशिंदों का। नंदपुर भटोली से जलरियां की दूरी मात्र दो किमी है, लेकिन पुल न होने से इन पंचायतों के बा¨शदों को 20 किमी घुमावदार संपर्क मार्ग से नगरोटा सूरियां होकर जाना पड़ता है।
साथ ही नगरोटा सूरियां से नंदपुर भटोली तक का संपर्क मार्ग भी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक सड़क पर माहला खड्ड पर पुल न होने से बरसात में आवाजाही बंद हो जाती है। इससे कथोली, खब्बल, लुदरेट, नन्दपुर, जलरियां व गुलेर के लोगों को नगरोटा सूरियां होकर दो किमी का रास्ता पुल न होने से 12 से 20 किलोमीटर तक अतिरिक्त तय करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 37 साल से लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में नंदपुर भटोली- जलरियां सड़क के निर्माण को चुनावी मुद्दा बनाकर सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे पर कीचड़ उछालते हैं और सत्ता में आते ही भूल जाते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि यदि मात्र दो किमी लंबी नंदपुर भटोली -जलरियां सड़क का माहला खड्ड पर पुल डाल कर निर्माण नहीं किया गया तो लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल के खिलाफ जन आंदोलन शुरू किया जाएगा।
नंदपुर -जलरियां सड़क व पुल निर्माण कार्य को विधायक प्राथमिकता में डाला है। लोक निर्माण विभाग को डीपीआर तैयार करने के आदेश दिए हैं। -होशियार सिंह, विधायक देहरा।
नंदपुर-जलरियां सम्पर्क सड़क व पुल के निर्माण की अनुमानित राशि का प्रारूप तैयार कर डीपीआर तैयार कर ली गई है। यह सारा निर्माण नाबार्ड में डाला गया है और सभी दस्तावेज भेज दिए हैं। नाबार्ड से राशि मुहैया होने व चुनाव आचार संहिता हटते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। आरके शर्मा, सहायक अभियंता लोनिवि।
माहला खड्ड पर पुल न होने से नन्दपुर भटोली व जलरियां गांव बरसात में पौंग का जलस्तर बढ़ने पर एक-दूसरे से टूट जाते हैं। इन गांवों के लिए पुल का न होना काले पानी की सजा जैसा है। दुर्भाग्य यह है कि चुनाव आते ही सभी राजनीतिक दलों को यह मुद्दा याद आता है और सत्ता मिलते ही गौण हो जाता है। -रछपाल मेहरा, एडवोकेट
नगरोटा सूरियां से नन्दपुर भटोली संपर्क सड़क व गुलेर के साथ जोड़ने वाले माहला खड्ड पर पुल निर्माण अगर हो जाए तो देहरा व जवाली हलके की करीब डेढ़ दर्जन पंचायतों के बा¨शदों को 10 से 20 किमी की घुमावदार दूरी मात्र दो किमी से आठ किमी तक रह जाएगी। लोकसभा चुनाव में जनता चाहती है कि यह मात्र चुनावी मुद्दा न रहकर हल करने के लिए लिखित घोषणापत्र में शामिल किया जाए। -राजेश नंदपुरी, समाजसेवी।
पुल का हर बार राजनीतिक मुद्दा चुनाव में बनाया जाता है पर चुनाव खत्म होते ही गायब हो जाता है। अब तो राजनेताओं से विश्वास ही उठ गया है। अब जो राजनीतिक दल लिखित आश्वासन देगा उसका समर्थन किया जाएगा। गुरमेल सिंह, सेवानिवृत्त कैप्टन।
नंदपुर व गुलेर एक ऐतिहासिक जगह है लेकिन पूर्व सरकारों ने इस इलाके की जनता से विकास के नाम पर हमेशा वोटों की राजनीति की है। नतीजतन आज भी यह क्षेत्र यातायात की सुविधाओं से वंचित है। नगरोटा सूरियां से नन्दपुर व देहरा से जलरियां तक पक्की सड़क बनी हुई है। माहला खड्ड पर पुल बन जाये तो ये गांव भी विकास से जुड़ जाएंगे। संजीव मेहरा, नंदपुर भटोली।