सलाम! मुख्यमंत्री की सारथी बनी मातृशक्ति
प्रदेश में पहला मौका था कि मुख्यमंत्री की अगुवाई महिलाओं द्वारा की गई। रानी लक्ष्मी बाई 190वीं जयंती पर जहां उनकी धूम रही, तो वहीं महिलाओं ने भी दर्शा दिया कि वह रानी लक्ष्माबाई का स्वरूप हैं और किसी से कम नहीं है।
जागरण टीम,जसूर/नूरपुर : प्रदेश में यह पहला मौका था जब मुख्यमंत्री की अगुवाई महिलाओं ने की। रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर महिलाओं ने दर्शा दिया कि वे लक्ष्माबाई का स्वरूप हैं और किसी से भी कम नहीं हैं। यही नहीं रैली में मुख्यमंत्री के काफिले के आगे सिर पर घूंघट की जगह भगवा रंग की पगड़ियों से सजी महिलाएं स्कूटी रैली में काफिले के आगे रहीं तो मुख्यमंत्री के कुछ देर के सफर के लिए ओपन जीप में दो महिलाएं उनकी सारथी भी बनीं।
लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह नूरपुर से लेकर जसूर में उद्घाटन स्थल और वहां से बौढ़ तक मुख्यमंत्री महिला चालकों की अगुवाई में पहुंचे। मौका था उपमंडल नूरपुर के बौढ़ में भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश समिति की दो दिवसीय बैठक के समापन का। इस मौके पर महिलाओं ने ताकत भी दिखाई और यह भी साबित कर दिया कि वे पुरुषों से कम नहीं हैं। समापन पर महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने लक्ष्मीबाई की जयंती धूमधाम से मनाई। मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने जसूर से सभा स्थल बौढ़ तक भव्य स्कूटी रैली निकाली। कार्यकर्ताओं ने भगवा रंग के कपड़े व पगड़ियां पहनी थीं। मुख्यमंत्री को खुली जीप में ले जाने वाली चालकों में मनाली से भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चंद्रा और कुल्लू सदर की भाजपा महामंत्री रेखा शामिल रहीं। इस दौरान महिला मोर्चा की कुछ कार्यकर्ता व पदाधिकारी लक्ष्मीबाई के रूप में नजर आई। स्कूटर रैली में महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष इंदु गोस्वामी सहित अन्य मौजूद रही।
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महिला मोर्चा का राष्ट्रस्तरीय सम्मेलन 22 व 23 नवंबर को गुजरात में होगा और इसमें देशभर से दो लाख महिलाएं भाग लेंगी। सम्मेलन के लिए हिमाचल से 200 महिलाएं जाएंगी।
-इंदु गोस्वामी, प्रदेशाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा।