सुविधाओं से लैस होंगे आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : जिला कांगड़ा में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों व चिकित्सालयों में आ
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : जिला कांगड़ा में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों व चिकित्सालयों में और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसके अलावा स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के खाली पदों को भरवाने के लिए सरकार के माध्यम से प्रयास किया जाएगा। जिला आयुर्वेदिक अधिकारी के पद पर कार्यभार संभालने के बाद डॉ. कुलदीप बरवाल ने कहा किउनका प्रयास है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा के माध्यम से जिला कांगड़ा के लोगों को अधिक से अधिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों में अधिक से अधिक स्वास्थ्य व मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। मौजूदा समय में कांगड़ा जिला में 245 के करीब आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र व विभाग के अधीन पांच चिकित्सालय हैं। इनमें धर्मशाला में 20 बेड, हल्दरकोना में दस, हड़सर में दस, सुल्याली में दस व देहरा में दस बिस्तर का अस्पताल है। इनमें कुछ में अभी सुविधाओं की कमी है, ऐसे में इस कमी को दूर किया जाएगा। जिले की अति दुर्गम पंचायत बड़ा भंगाल में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र है। ऐसे में वहां चिकित्सक सहित खाली चल रहे अन्य पदों को भरने के लिए सरकार के माध्यम से प्रयास होगा। धर्मशाला में आयुर्वेदिक का 20 बिस्तर का अस्पताल अच्छा कार्य कर रहा है। यहां बवासीर व भंगदर जैसे रोगों का क्षार सूत्र विधि से उपचार किया जा रहा है। पंचकर्म की सुविधा यहां उपलब्ध है। पंचकर्म एक स्वास्थ्य चिकित्सा का ही अंग है, ऐसे में इसके माध्यम से पर्यटकों को भी सुविधा मिल सके, इसके लिए भी प्रयास होगा।
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अनधिकृत केंद्रों पर होगी कार्रवाई
जिला कांगड़ा विशेषकर पर्यटन स्थलों में आयुर्वेदिक के नाम पर अगर कोई नियमों के खिलाफ आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र चलाते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी विभाग कार्रवाई करेगा। डॉ. बरवाल ने बताया कि उनके पास ऐसी कुछ शिकायतें भी आई हैं कि कुछ लोग बिना आयुर्वेदिक की डिग्री के आयुर्वेद के स्वास्थ्य केंद्र व पंचकर्म से लोगों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर जल्द कार्रवाई होगी। पंचकर्म विधि से उपचार के लिए कम से कम बीएएमएस की योग्यता होनी अनिवार्य है।