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कांगड़ा चाय की सफलता के बाद कॉफी की ओर मुड़े किसान

हिमाचल में कांगड़ा चाय की स्थिरता के बाद अब किसानों का रुझान कॉफी की ओर बढ़ा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 07:16 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 06:19 AM (IST)
कांगड़ा चाय की सफलता के बाद कॉफी की ओर मुड़े किसान
कांगड़ा चाय की सफलता के बाद कॉफी की ओर मुड़े किसान

कुलदीप राणा, पालमपुर

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हिमाचल में कांगड़ा चाय की स्थिरता के बाद अब किसानों का रुझान कॉफी की ओर बढ़ा है। इसमें कृषि विभाग के चाय विभाग सक्रिय भूमिका निभा रहा है। प्रदेश के छह जिलों में वर्तमान में कॉफी की खेती को परीक्षण के तौर पर किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में कॉफी की संभावनाओं को तलाशने के लिए भारतीय कॉफी बोर्ड के चेयरमैन के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया गया था। इसमें कॉफी अनुसंधान केंद्र, सीसीआरआइ, चिकमंगलूर के विज्ञानियों को लिया गया था। कमेटी ने अगस्त, 2012 में हिमाचल का दौरा कर प्रदेश में कॉफी उत्पादन की संभावनाओं को प्रबल करार देते हुए खेती करने की सलाह दी थी। इसके बाद कृषि विभाग के चाय विभाग ने तकनीकी अधिकारी डीएस कंवर के नेतृत्व में कॉफी की खेती को आगे बढ़ाने की हरी झंडी दे दी। तकनीकी अधिकारी की देखरेख में फरवरी, 2014 में विभिन्न जिलों में 431 प्रशिक्षण परिक्षेत्र, डेमोस्ट्रेशन प्लॉट स्थापित कर 84935 पौधों से खेती आरंभ कर दी।

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कॉफी उत्पादन में कितना समय लगता है

हिमाचल प्रदेश में कॉफी फरवरी, 2014 से शुरू की गई व कॉफी की किस्में, कॉफी अराविटा व कॉफी रोवेस्टा उगाई गई हैं लेकिन रोवेस्टा में रिजल्ट सही न आने पर इसे आगामी खेती के लिए विभाग अनुमोदित नहीं कर रहा है। शुरुआती दौर में प्रदेश कृषि विभाग ने कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, बिलासपुर, ऊना व चंबा में प्रशिक्षण परिक्षेत्र लगाए। इसमें 84935 पौधे रोपित किए गए हैं जिसमें उत्पादन भी शुरू हो गया है।

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कॉफी के लिए भूमि व जलवायु

कॉफी उत्पादन के लिए खास भूमि की जरूरत नहीं है। इसे मिश्रित खेती के रूप में भी उगाया जा सकता है। कॉफी के लिए छायादार भूमि का होना बहुत जरूरी है व ऐसी भूमि जहां ओस, पाला न गिरे कॉफी उत्पादन के लिए बेहतर स्थल होता है। पत्ते न झड़ने वाली जगहों पर कॉफी के पौधे उगाए जाते हैं। इसके लिए तापमान चार डिग्री से 35 डिग्री के बीच होना चाहिए। कॉफी का पौधा आठ साल में फसल देने लगता है।

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कहां कितना उत्पादन

कॉफी उत्पादन में ब्राजील सबसे आगे है। विश्वभर में कॉफी का 33 प्रतिशत उत्पादन अकेले ब्राजील में होता है। भारत के दक्षिण भागों में कॉफी उगाई जाती है। मगर अभी तक भारत मात्र चार फीसद उत्पादन में ही सक्षम हो पाया है। इसके अतिरिक्त इंडोनेशिया में 26.900 लाख टन, वितनाम में 12 लाख टन, इथोपिया में 4.90 लाख टन व भारत में 3.19 लाख टन कॉफी का उत्पादन किया जाता है।

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प्रदेश में कॉफी की खेती को लेकर किसान आगे आ रहे हैं। छह वर्ष पूर्व रोपित कॉफी पौधों में फल आना आरंभ हो गए हैं तथा दो साल के बाद कॉफी की खेती हिमाचल प्रदेश में पूरे यौवन में होगी। इस वर्ष विभाग ने 10 हजार पौधे किसानों को वितरित करने के लिए तैयार किए हैं।

-डीएस कंवर, तकनीकी अधिकारी, टी बोर्ड।

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जिला बार प्लांटेशन

-कांगड़ा,109 प्लॉट,21620 पौधे

-मंडी,136 प्लॉट,26405 पौधे

-बिलासपुर,106 प्लॉट,21150 पौधे

-ऊना,34 प्लॉट,6500

-हमीरपुर,40 प्लॉट,8060

-चंबा,6 प्लॉट,1200

कुल,431 प्लॉट,84935 पौधे।


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