रानी सुनयना को नम आंखों से दी विदाई
चंबा ऐतिहासिक सूही मेला शनिवार को रानी सुनयना के चिह्न की पिक पैलेस में वापसी के साथ संपन्न हो गया।
जागरण संवाददाता, चंबा : ऐतिहासिक सूही मेला शनिवार को रानी सुनयना के चिह्न की पिक पैलेस में वापसी के साथ संपन्न हो गया। मेले के समापन मौके पर चंबा के हजारों लोगों ने माता के बलिदान को याद कर नम आंखों से विदाई दी। गद्दी समुदाय की महिलाओं ने सुकरात गाकर रानी सुनयना के बलिदान को याद किया। मेले के अंतिम दिन माता के दरबार में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ उमड़ी। इस अवसर पर सूही माता सेवा समिति की ओर से चैंतड़ा में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
मेले के अंतिम दिन सुबह से ही श्रद्धालुओं के मंदिर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। मेले के अंतिम दिन सैकड़ों महिलाओं ने मेले में हिस्सा लेकर मां के दर्शन किए। मेले के समापन मौके पर महिलाओं ने गद्दी पहनावे में नृत्य कर रानी सुनयना को याद किया। बाद में माता की पालकी को रिवाज के अनुसार सूही से राजमहल लाया गया। इस मौके पर महिलाओं ने अगले साल फिर से मेले के आयोजन का वचन दिया। प्रशासन की ओर से दोपहिया वाहन चालकों को मेला परिसर में न जाने की हिदायत दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग नियम तोड़ पर मेले में घुस गए। सूही जातर मेले का आयोजन विशेष तौर पर महिलाओं के लिए होता है व मेला आयोजन समिति ने मेले के दौरान पुरुषों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया था। इसके बावजूद मेले में सैकड़ों पुरुष व युवक भी दिनभर टहलते रहे।