Chamba: सोलर एनर्जी बैटरी बैकअप प्लांट से भी नहीं पूरी होगी पांगी में बिजली आपूर्ति, अपनाना पड़ेगा ये उपाय
Chamba News सरकार की ओर से एक मेगावाट का सोलर एनर्जी बैटरी बैकअप प्लांट लगाया जाता है तो भी 2400 किलोवाट विद्युत उत्पादन की क्षमता हो सकती है। लेकिन यह क्षमता हमेशा नहीं रहती है। सर्दियों में पानी की कमी रहती है जिससे उत्पादन क्षमता कम हो जाती है।
पांगी,कृष्ण चंद राणा। आकांक्षी जिला चंबा के विद्युत मंडल पांगी में घटता विद्युत उत्पादन उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। सरकार की ओर से हाल ही में बजट सत्र के दौरान पांगी में एक मेगावाट सोलर एनर्जी बैटरी बैकअप प्लांट लगाने की घोषणा की गई है। लेकिन इतने में भी पांगी के लिए बिजली आपूर्ति पूरी नहीं हो पाएगी। यदि पांगी में स्थित हाइडल प्रोजेक्टों में यदि मशीनरी को अपग्रेड किया जाता है तो विद्युत उत्पादन बढ़ सकता है। पांगी में करीब चार मेगावाट विद्युत उत्पादन की जरूरत है।
यदि सरकार की ओर से एक मेगावाट का सोलर एनर्जी बैटरी बैकअप प्लांट लगाया जाता है, तो भी 2400 किलोवाट विद्युत उत्पादन की क्षमता हो सकती है। लेकिन यह क्षमता हमेशा नहीं रहती है। सर्दियों में पानी की कमी रहती है, जिससे उत्पादन क्षमता कम हो जाती है। विद्युत उत्पादन की जानकारी रखने वाले जानकारों के अनुसार यदि सरकार नई तकनीक की मशीनें किलाड़, साच, सुराल और पुर्थी मिनी हाइडल प्रोजेक्ट्स में स्थापित करती है तो पांगी में कम खर्चे में करीब चार मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जा सकता है।
ऐसे बढ़ सकता है विद्युत उत्पादन
विद्युत मंडल पांगी ने महलु नाला ( किलाड़ ) में 100 किलोवाट, साच घराट में 900 किलोवाट, पुरथी व सुराल में 100-100 किलोवाट हाइडल प्रोजेक्टों की मरम्मत करने व मशीनरी को अपग्रेड करने की योजना बनाकर मुख्यमंत्री को भेजी गई है। इस पर करीब सात साथ करोड़ रुपये खर्चा आ सकता है। योजना के मुताबिक 300 किलोवाट महलु नाला में नई तकनीक की मशीनें लगाई जाती हैं तो छह सौ किलोवाट विद्युत उत्पादन हो सकता है। साच घराट में 900 किलोवाट की क्षमता है।
यदि यहां पर अतिरिक्त 300 किलोवाट की मशीन लगाई जाती है तो यहां 1200 किलोवाट उत्पादन होगा। सुराल और पुरथी में 100-100 किलोवाट की क्षमता है। यदि यहां नई तकनीक की 200-200 किलोवाट की अतिरिक्त मशीनें लगाई जाती है तो उत्पादन बढ़ सकता है।
योजना सिरे चढ़ी तो मिलेगा लाभ
बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने पांगी में 1200 किलोवाट का सोलर एनर्जी बैटरी बैकअप प्लांट लगाने की घोषणा की है। विद्युत मंडल पांगी की यह योजना सिरे चढ़ती है तो पुराने माइक्रो हाइडल प्रोजेक्ट जो वर्तमान समय में 1400 किलोवाट तैयार कर रहे हैं। इनकी उत्पादन क्षमता बढ़कर 2500 किलोवाट तक हो जाएगी।
वहीं प्रदेश और केंद्र सरकार के द्वारा 2000 किलोवाट सोलर एनर्जी बैटरी बैकअप लगाने की योजना है। इससे कुल मिलाकर 4500 किलोवाट बिजली का उत्पादन हो सकता है। पांगी के धरवास और हिल्लौर में हिमउर्जा की ओर से 400-400 किलोवाट के सोलर एनर्जी बैटरी बैकअप प्लांट लगाने पहले से ही प्रस्तावित है।
अधिकारियों ने कहा ये बात
पांगी के महलु नाला (किलाड़), साच घराट, पुरथी और सुराल के माइक्रो हाइडल प्रोजेक्टों की क्षमता बढ़ाने की प्रपोजल तैयार करके उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। जिन नालों पर यह पावर हाउस बनाए गए हैं। वहां पर नई तकनीक की मशीनें लगाई जाती हैं तो उत्पादन क्षमता दोगुणा हो सकती है।संतोष कुमार शर्मा, वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता विद्युत बोर्ड मंडल किलाड़।