Move to Jagran APP

पांगी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आधा फीट बर्फबारी

पांगी घाटी में मौसम बदलते ही ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 06:19 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 06:35 AM (IST)
पांगी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आधा फीट बर्फबारी

संवाद सहयोगी, पांगी : पांगी घाटी में मौसम बदलते ही ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। समय से पहले हो रही बर्फबारी से साचपास, चैंडीपास तथा रोहतांग दर्रे बंद होने से लोगों का घाटी से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

loksabha election banner

घाटी के सुराल, चसक, प्रेग्रां, शून, मुर्छ, कुमार, परमार, टुंदुरु, टक्वास सहित पांचों भटोरियो में छह से सात इंच तक हिमपात हुआ है। इसके अलावा बुधवार को घाटी के निचले क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी रहा। वर्ष 2018 में सितंबर माह में घाटी में हिमपात होने से लोगों की कृषि तथा बागवानी को भारी नुकसान हुआ था। इस बार भी अक्टूबर में दो-तीन दिन से मौसम खराब चल रहा है। ऐसे में समस्त घाटी में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। घाटी के बागवानों को रास्ते बंद होने के कारण सेब की फसल को मंडियों में पहुचाने के लिए मुश्किल हो रही है।

बागवानों गौरी दास, टीका राम, लक्ष्मण सिंह, इंद्र सिंह, गोपाल चंद तथा रमेश कुमार का कहना है कि गत वर्ष भी अचानक बर्फबारी होने के कारण उनको लाखों का नुकसान हुआ है। कोई भी व्यापारी यहां आने के लिए तैयार नहीं है। अगर पांगी में मंडी होती तो उनको नुकसान नहीं होता। लोगों का कहना है कि मौसम के तेवर देखते हुए पांगी मुख्यालय किलाड़ में भी जल्द बर्फबारी की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो पांगी घाटी का संपर्क शेष विश्व से पूरी तरह से कट जाएगा, जिससे यहां के लोगों की दिक्कतें बढ़ जाएंगी। प्रशासन जल्द मुहैया करवाए सुविधाएं

गौरतलब है कि पांगी घाटी में हर बार बर्फबारी के बाद यहां का संपर्क शेष विश्व से पूरी तरह से कट जाता है, जिससे कि यहां के लोग घाटी में कैद होकर रह जाते हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि यहां पर जल्द से जल्द सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाए, ताकि उन्हें बर्फबारी होने पर किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.