भरमौर के कुगति, खुंड व मलकौता में हिमपात
जाई का कार्य शुरू तक नहीं किया है। हालांकि लोगों ने मौसम के इस परिवर्तन को आगामी फसल चक्र के लिए लाभदायक बताया है।
जागरण टीम, चंबा भरमौर :
पीरपंजाल एवं धौलाधार की चोटियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली है, वहीं निचले इलाकों में बारिश के बाद कंपकंपी भी बढ़ गई। मैदानी इलाकों में हुई बारिश से चंबा जिला ठंड की चपेट में आ गया है। वहीं कुगति, खुंड व मलकौता में सीजन का पहला हिमपात हुआ है। भरमौर के भरमाणी माता मंदिर के पास दो सेंटीमीटर हिमपात दर्ज किया गया है। पिछले दो दिन से बादलों से घिरे आसमान के बीच पहाड़ों पर हो रहे हिमपात के साथ माध्यम ऊंचाई सहित जिला के कई दुर्गम क्षेत्रों में हल्की बारिश भी हुई, वहीं वीरवार को मौसम का रंग बदल गया। इस दौरान पहाड़ियों पर बर्फबारी के साथ निचले क्षेत्रों में बारिश हुई, जिससे घर से बिना छाता लिए निकलने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उधर, पिछले तीन चार दिन से पहाड़ी जिला चंबा में खराब चल रहे मौसम के चलते तापमान में भी काफी गिरावट दर्ज की गई है। वीरवार को दिन के वक्त चंबा का न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकार्ड किया गया है। वहीं, जनजातीय क्षेत्र भरमौर का तापमान सात से आठ डिग्री तक नीचे आ गया है। ठंड से बचने के लिए लोग हीटर, अलाव के अलावा गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करने लगे हैं। घरों में कैद हुआ पांगी और भरमौैर
जनजातीय क्षेत्र पांगी एवं भरमौैर के साथ जिला के अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में लोग घरों में ही कैद होने लगे हैं। नवंबर माह में ही पड़ी प्रचंड ठंड को देखते हुए लोगों को इस बार फिर काफी सर्दी पड़़ने का भय लगा है, जिससे पहाड़ी जिला के लोग ठंड से बचने के लिए एडवांस में ही कोयले-लकड़ियों के साथ ही अन्य तरह की सामग्री का स्टॉक करने लगे हैं। मौसम के बिगड़े मिजाज ने परेशान किए किसान
बार-बार बिगड़ रहे मौसम के मिजाज ने इस बार किसानों को काफी परेशानी में डाल दिया है। जिला के दुर्गम क्षेत्रों में कई किसानों ने मक्की की थ्रेशिग को भी अंजाम नहीं दिया है। वहीं, कई किसानों को थ्रेशिंग
के बाद मक्की के दानों को सुखाने के धूप की जरूरत है, जिससे वह इंद्रदेव से मौसम साफ रहने की विनती कर रहे हैं।