गुरु के बिना परमात्मा को पाना कठिन : महात्मा दुनी चंद
चंबा सत्संग भवन मुगला में रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, चंबा : सत्संग भवन मुगला में रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। निरंकारी मंडल के प्रमुख महात्मा दुनी चंद ने कहा कि न केवल परमात्मा को जानना बल्कि परमात्मा की मानना भी जरूरी है। परमात्मा को मानने में तभी आनंद है जब हम परमात्मा को जान लेते हैं। इसीलिए कहा गया है कि पहले जानो फिर मानो। उन्होंने गुरु के महत्व पर भी प्रकाश डाला। परमात्मा को पाने के लिए पहले गुरु का आशीर्वाद जरूरी है। बिना गुरु के आशीर्वाद के परमात्मा को पाना कठिन है। परमात्मा कण-कण में व्याप्त हैं। इसका बोध पूर्ण गुरु द्वारा ही संभव है। मगर परमात्मा के बोध का सही आनंद तभी आता है जब हम सतगुरु के बताए रास्ते पर चल पाएं। सतगुरु का यही संदेश है कि गृहस्थ जीवन में रहकर ही इंसानियत की सेवा करें। दूसरों के दुख बांटें, वहीं दूसरों की खुशी में भी सहभागी बनें। ईश्वर को वह लोग प्रिय हैं जो इंसानियत से प्यार करते हैं। परोपकारी जीवन जीते हैं और जहां भी मौका मिले दूसरों के हमदर्द बनने के प्रयास में रहते हैं। सतगुरु से परमात्मा को बोध करके हम बह्मज्ञानी अर्थात निरंकारी तो कहलाते हैं मगर वास्तविक निरंकारी हम तभी कहलाते हैं जब सतगुरु के उपदेशों का अनुसरण करते हैं।