तीन सड़कों के निर्माण में निजी भूमि बनी बाधा
संवाद सहयोगी, चंबा : भले ही सरकार द्वारा गाव-गाव को सड़क सुविधा से जोड़ने की बात कही जा रह
संवाद सहयोगी, चंबा : भले ही सरकार द्वारा गाव-गाव को सड़क सुविधा से जोड़ने की बात कही जा रही हो लेकिन कई गाव में ग्रामीण ही विकास की राह में रोड़ा बने हुए हैं।
लोक निर्माण विभाग मंडल चंबा के अधीन आने वाली तीन सड़कों के लिए सरकार व विभाग ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी हैं लेकिन सड़क निर्माण के बीच आने वाली निजी जमीन विभाग के नाम न हो पाने के कारण कार्य करीब एक दशक से लटके हुए हैं। ऐसे में भी इन गावों तक भाग्य रेखाओं का पहुंचना महज सपना बनकर रह गया है। वैसे तो विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई लेकिन बावजूद इसके लोग निजी जमीनें विभाग को सौंपने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इस कारण ग्रामीणों की उनके गाव तक सड़क पहुंचने की हर उम्मीद दम तोड़ रही है।
लोक निर्माण मंडल चंबा के मंगला- टपूण, मिंडा-लैहरी-थल्ला व सुल्तानपुर- द्रम्मण सड़क बीते लगभग एक दशक से निर्माण कार्य आरंभ होने का इंतजार कर रही हैं। उक्त तीनों सड़कें स्वीकृत हैं और सड़कों के निर्माण के लिए विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया भी पूर्ण कर ली गई है, लेकिन लोगों की निजी भूमि सड़क निर्माण में बाधा बन रही है। कुछ लोग निजी भूमि विभाग को नहीं सौंप रहे जिसके चलते कार्य आरंभ नहीं हो पाया है। भूमि को विभाग को सौंपने के लिए कई प्रयास किए गए लेकिन लोगों की सहमति न बनने से गावों तक आज भी सड़क नहीं पहुंच पाई है। विभाग द्वारा अपने स्तर पर कई बार भूमि मालिकों को एकत्रित कर उनसे वार्तालाप किया गया लेकिन कोई परिणाम नहीं निकल पाया, अगर उक्त सड़कों का निर्माण किया जाता है तो उससे हजारों की आबादी को लाभ पहुंचेगा। सड़क सुविधा से जुड़ने पर जहा उन्हें पैदल सफर तय करने से निजात मिलेगी तो वहीं वे आपातकालीन स्थिति में कम समय में नजदीकी अस्पताल भी पहुंच सकेंगे। लेकिन यह तब तक संभव नहीं जब तक लोगों द्वारा निजी भूमि विभाग के नाम नहीं की जाती। बहरहाल सड़क निर्माण में लोगों की निजी भूमि रोड़ा बन गई है और लोगों में जागरूकता की कमी का खामियाजा हजारों ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
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सड़क निर्माण के लिए विभाग लगातार प्रयास किया जा रहा है। मंगला-टपूण, मिंडा-लैहरी-थल्ला व सुल्तानपुर- द्रम्मण सड़कों के निर्माण के लिए लोगों की
निजी भूमि बाधा बन रही है। लोगों से सहमति के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
-जीत सिंह, अधिशाषी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, मंडल चंबा।