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15 साल में नहीं बन पाई दस किलोमीटर सड़क

उपमंडल चुराह की पंचायत हरतवास के गांव कैहला के लिए बन रही दस किलोमीटर सड़क का कार्य 15 साल में भी पूरा नहीं हो पाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 10:38 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 10:38 AM (IST)
15 साल में नहीं बन पाई दस किलोमीटर सड़क
15 साल में नहीं बन पाई दस किलोमीटर सड़क

कमल कुमार, सेईकोठी

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: उपमंडल चुराह की पंचायत हरतवास के गांव कैहला के लिए बन रही 10 किलोमीटर सड़क का कार्य 15 साल में भी पूरा नहीं हो पाया है। वर्ष 2003 से बन रही प्रीतमास-कैहला सड़क का काम अभी तक अधर में लटका है। अब तक सिर्फ पांच किलोमीटर ही सड़क बन सकी है। इसमें से भी जो सड़क बनी है वह भी आधे से ज्यादा खराब हो गई है। इससे वाहन चालकों सहित लोगों को भी परेशान होना पड़ता है। हैरानी की बात है कि लोक निर्माण विभाग न बची हुई सड़क को बनाने में रुचि दिखा रहा है और न ही बंद पड़ी सड़क को खोलने के लिए प्रयास कर रहा है।

2003 में सड़क केवल प्रीतमास से हरतवास तक बनी और उसके बाद हरतवास से थोड़ी और आगे तक बढ़ी है, जिसके बाद से फिर सड़क का कार्य ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। सड़क के बनने से कैहला गांव सहित अन्य छह गांवों के लोग लाभान्वित होंगे। लेकिन लोक निर्माण विभाग के ढुलमुल रवैये के चलते लोग सड़क सुविधा से वंचित हैं।

प्रीतमास से कैहला के लिए बन रही सड़क से करीब 1500 आबादी लाभान्वित होगी। अकेले कैहला गांव की आबादी 500 से अधिक है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर बार नेता मात्र आश्वासन देते हैं। चुनाव के बाद सड़क के कार्य की तरफ कोई ध्यान नहीं देता है। अगर इन गांवों में कोई बीमार हो जाए तो उसे पीठ पर उठाकर या पालकी में 10 किलोमीटर पैदल सफर कर मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। जरूरी सामान लाने के लिए भी हजारों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। कई साल से लोगों की सड़क की मांग कोई भी सरकार व विभाग पूरा नहीं कर रहा है। लोगों ने चेतावनी दी है कि सड़क का काम पूरा नहीं हुआ तो इसका असर चुनाव में दिखेगा। लोग सभी नेताओं के आश्वासनों से संतुष्ट नहीं हैं और अब नेताओं के आश्वासनों में आने वाले नहीं हैं। प्रीतमास-कैहला मार्ग को बनाने के लिए कार्य शुरू किया गया था, लेकिन हरतवास के आगे जमीन विभाग के नाम नहीं हो पाई है। इसके कारण सड़क का कार्य अधर में लटका है। इस बारे में जमीन विभाग के नाम होने पर ही कार्य शुरू हो सकता है।

हर्ष पुरी, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग चुराह।


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