स्टाफ नर्स देखी रही फार्मासिस्ट का काम, अल्ट्रासाउंड होते नहीं
उपमंडल भटियात की जनता को कोरोना काल में अस्थाई रूप से चार डॉक्ट
अंशुमन शर्मा, चुवाड़ी
उपमंडल भटियात की जनता को कोरोना काल में अस्थाई रूप से चार डॉक्टरों की अतिरिक्त नियुक्ति से भी कोई लाभ नहीं हुआ। यहां डॉक्टरों की टीम तो तैनात की गई है लेकिन व्यवस्था संभालने के लिए फार्मासिस्ट तथा स्टाफ नर्सो के पद खाली चल रहे हैं। चुवाड़ी अस्पताल में कई वर्ष से फार्मासिस्ट के दो पद रिक्त हैं। इनका काम भी स्टाफ नर्स देख रही हैं। अस्पताल में स्टाफ नर्सो के आठ पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में तीन ही सेवाएं दे रही हैं जबकि चार पद रिक्त हैं। स्टाफ के अलावा यहां अल्ट्रासाउंड की मशीन भी धूल फांक रही है। 14 माह से यहां अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे हैं। इस कारण लोगों की नूरपुर व पठानकोट के लिए दौड़ लग रही है। 14 माह पूर्व नूरपुर से यहां प्रतिनियुक्ति पर रेडियोलॉजिस्ट सेवाएं देते थे। अब उनकी स्थायी नियुक्ति नूरपुर में ही कर दी गई है। इसलिए अब व्यवस्था रामभरोसे है। महिला व शिशु रोग विशेषज्ञ की अभी तक तैनाती नहीं हो पाई है। इसलिए उपमंडल की महिलाएं व बच्चे टांडा रेफर किए जा रहे हैं।
पीएचसी समोट में स्टाफ नर्सो के पद रिक्त
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्मोट में सरकार ने चिकित्सक तो तैनात किए हैं लेकिन स्टाफ नर्स की नियुक्ति करना भूल गई है। इस कारण मरीजों को परेशानी होती है। पीएचसी में रोजाना 100 से अधिक मरीज उपचार करवाने के लिए पहुंचते हैं। उनको स्टाफ की कमी का खामियाजा भुगतना पड़ता है।
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आयुष भवन में नहीं कोई डॉक्टर
लाखों रुपये खर्च करके 2007 में चुवाड़ी मुख्यालय में आयुष भवन का निर्माण किया लेकिन यहां किसी भी डॉक्टर की तैनाती नहीं की गई है। यहां आयुर्वेदिक पद्धति समेत दूसरे चिकित्सा माध्यम से लोगों का उपचार किया जाना था। इसमें एक ही छत के नीचे चिकित्सकों की तैनाती की जानी थी। लोग स्थानीय जनप्रतिनिधि से कई बार से गुहार लगा चुके हैं लेकिन समस्या जस की तस है।
ककीरा में डॉक्टर आवास में मरीजों की स्वास्थ्य जांच
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ककीरा में डाक्टर के आवास में ही मरीजों का स्वास्थ्य जांचा जा रहा है। अभी तक भवन का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। इस कारण डाक्टर को मजबूरी में आवास में ही मरीजों की नब्ज देखनी पड़ रही है। यहां भी सुविधाओं की कमी से मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ककीरा में लंबे समय से फार्मासिस्ट व लैब टेक्नीशियन का पद रिक्त है। मरीजों को टेस्ट के लिए दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों का रुख करना पड़ता है। फार्मासिस्ट का भी सारा कार्य डाक्टर को ही करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य लाभ के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है।
स्वास्थ्य उपकेंद्र रायपुर में स्वास्थ्य कार्यकत्र्ताओं के पद रिक्त
क्षेत्र के स्वास्थ्य उपकेंद्र रायपुर में चिकित्सक तो है लेकिन पुरुष व महिला स्वास्थ्य कार्यकत्र्ता के दो-दो पद रिक्त हैं। ऐसे में अगर डाक्टर को जरूरी कार्य से जाना पड़े तो स्वास्थ्य उपकेंद्र में ताला लगाना पड़ता है। इस स्थिति से लोगों को चुवाड़ी का रुख करना पड़ जाता है।
आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच साल डाक्टर नहीं
आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र कुट की हालत काफी खस्ता हो गई है। दरवाजे से लेकर खिड़कियां टूट चुकी है। स्वास्थ्य केंद्र में फार्मासिस्ट ही मरीज की स्वास्थ्य जांच करता है। गंभीर मरीज को रेफर कर दिया जाता है। पांच साल से आयुर्वेदिक डॉक्टर का पद रिक्त है।
स्वास्थ्य उपकेंद्रों के खुलते नहीं ताले
भटियाज क्षेत्र के मठोलू, मेल,भराडी, रायपुर, जियुंता स्वास्थ्य उपकेंद्रों में व्यवस्था प्रतिनियुक्ति के सहारे है। उक्त क्षेत्रों में लोगों को बीमार होने पर परेशानी झेलनी पड़ती है। कई स्वास्थ्य केंद्र एक दिन छोड़कर खोले जा रहे हैं तो कई ऐसे हैं जहां सप्ताह में दो दिन ही मरीजों का स्वास्थ्य जांचा जाता है। बाकी दिन इन पर ताला लटका रहता है।
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स्वास्थ्य संस्थानों रिक्त पदों के बारे में उच्च अधिकारियों को समय-समय पर पत्र लिखा जाता है। जल्द ही रिक्त पदों को भरने का प्रयास किया जाएगा।
डाक्टर सतीश फोतेदार, खंड चिकित्सा अधिकारी समोट।
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जिन स्वास्थ्य उपकेंद्रों में स्टाफ की कमी है, वहां प्रतिनियुक्ति से लोगों को बेहतर सेवाएं देने का प्रयास किया जा रहा हैं। सरकार व उच्च अधिकारियों को स्थिति से अवगत करवाया गया है। कुछ स्थानों पर अभी नियुक्तियां जल्द ही की जाएगी।
डाक्टर राजेश गुलेरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा।