रोजगार नहीं टूटी रेहड़ियों की मरम्मत ही करवा दो
कोरोना संकट में बोटिग प्वाइंट तलेरु में अरसे से रेहड़ी लगाने वालो
संवाद सहयोगी, डलहौजी : कोरोना संकट में बोटिग प्वाइंट तलेरु में अरसे से रेहड़ी लगाने वालों पर परिवार का भरण पोषण करने का संकट खड़ा हो गया है। लॉकडाउन में पर्यटन कारोबार बंद होने से उनकी रेहड़ियां बंद पड़ रही। बरसात में रेहड़ियां टूट चुकी हैं। अब पर्यटन कारोबार शुरू हुआ तो रेहड़ी संचालकों को रोजी रोटी की चिंता सताने लग पड़ी है। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि रोजगार न सही उनकी टूटी रेहड़ियों के लिए आर्थिक मदद ही दे दो।
रेहड़ी संचालक स्वर्ण कुमार, काकू राम, ऊषा देवी, किशोरी लाल व पानो देवी ने बताया कि पर्यटन सीजन में डलहौजी व चंबा आने वाले पर्यटक भलेई के समीप तलेरु नामक स्थान पर बोटिग का आनंद उठाने भी पहुंचते हैं। भलेई उपतहसील के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने यहां रोजगार के उद्देश्य से खाने-पीने की रेहड़ियां लगा रखी हैं। पर्यटन सीजन में यहां भीड़ रहती थी और कई परिवारों का घर चलता है। कोविड-19 के चलते मार्च से बोटिग प्वाईंट भी बंद हो गया था। संचालक भी रेहड़ियां बंद कर घर चले गए। रेहड़ी संचालकों को उम्मीद थी कि जल्द महामारी का अंत होगा और वे फिर से रोजगार शुरू कर सकेंगे। परंतु ऐसा हो न सका और विगत करीब छह माह से तलेरु में रेहड़ियां नहीं खुल पाई। देखरेख के अभाव में बरसात में रेहड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उनका कहना है कि प्रशासन उन्हें रेहड़ियों की मरम्मत के लिए आर्थिक मदद मुहैया करवाए।