रक्षा बंधन पर चीनी सामान से तौबा
भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षा बंधन का त्योहार आने वाला है। ऐसे में इस बार लोग चीन निर्मित सामान का बहिष्कार कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, चंबा : भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षा बंधन का त्योहार आने वाला है। ऐसे में बाजार में राखियां भी दिखना शुरू हो गई हैं। हालांकि हर बार की तरह दिखने वाली विभिन्न प्रकार की राखियां इस बार बाजार से नदारद हैं। इसे सीधे तौर पर चीन के साथ चल रहे विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है।
लोग चीन निर्मित उत्पाद खरीदना पसंद नहीं कर रहे हैं। व्यापारियों ने भी चीनी सामान को बेचना बंद कर दिया है। हर साल रक्षा बंधन पर अधिकतर बाजारों में चीन में निर्मित सामान का ही दबदबा रहता था। चीन में निर्मित आकर्षक सामान लोगों को आकर्षित करता था। अब हालत यह है कि लोग चीनी उत्पादों को लेने से मना कर रहे हैं।
---------- रक्षा बंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। यह हमारे देश का त्योहार है। इसलिए इसमें किसी भी तरह से बाहरी देश की दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए। चीनी सामान का मैं बहिष्कार करता हूं। साथ ही लोगों से भी ऐसा करने का आह्वान करता हूं। जब तक चीन की कमर नहीं टूटती है, तब तक वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा।
चमन राणा, निवासी चंबा।
-------- रक्षा बंधन पर मैं चीन निर्मित राखिया नहीं खरीदूंगा। चीन हमेशा पीठ पर वार करता आ रहा है। इसलिए उसकी कमर को तोड़ना बहुत जरूरी हो गया है। सभी लोग चीनी सामान का बहिष्कार करेंगे तो चीन को भारत के समक्ष झुकना ही पड़ेगा।
परमेश कुमार, निवासी चंबा।
-------- रक्षा बंधन तो भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। चीन द्वारा भले ही कई प्रकार की आकर्षक राखियां बनाई जाती थीं लेकिन सही मायने में तो राखी एक धागा ही होती है। इसे राखी का रूप भाई-बहन का प्यार देता है। वर्तमान समय में चीनी सामान बेचने से तौबा की गई है। व्यापार पर इसका कोई खास असर नहीं है।
विकास महाजन, दुकानदार।
-------- चीनी उत्पादों को बेचना बंद कर दिया है। हमारे देश के त्योहार देश में बनी चीजों से ही मनाए जाएंगे। लोग भी अब इस बात को समझने लगे हैं कि चीन किस तरह से अपनी चाल चलता है। इसलिए लोग भी चीनी सामान खरीदने से तौबा कर रहे हैं।
राम शर्मा, दुकानदार।