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डलहौजी में महाराष्ट्र व गुजरात के प्रतिभागियों का नेचर स्टडी कैंप संपन्न

डलहौजी यूथ हॉस्टल डलहौजी में नेचर स्टडी व ट्रैकिग शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 11:39 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 06:35 AM (IST)
डलहौजी में महाराष्ट्र व गुजरात के प्रतिभागियों का नेचर स्टडी कैंप संपन्न
डलहौजी में महाराष्ट्र व गुजरात के प्रतिभागियों का नेचर स्टडी कैंप संपन्न

संवाद सहयोगी, डलहौजी : यूथ हॉस्टल डलहौजी में नेचर स्टडी व ट्रैकिग शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। शिविर में महाराष्ट्र व गुजरात से 70 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इन प्रतिभागियों ने कैंप के दौरान डलहौजी की सुंदरता को करीब से निहारने के साथ-साथ विभिन्न साहसिक गतिविधियों में भी हिस्सा लिया। शिविर के समापन अवसर पर यूथ हॉस्टल परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एसडीएम डलहौजी डॉ. मुरारी लाल ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए एसडीएम ने कैंप के सफल आयोजन पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि हम प्राकृतिक जीवन शैली से ही स्वस्थ रह सकते हैं, जिसके लिए हमें पर्यावरण के प्रति जागरूक रहना चाहिए। यह हर्ष का विषय है कि यूथ हॉस्टल एसोसिएशन डलहौजी में इस तरह के शिविरों का आयोजन कर विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों को प्रकृति के करीब आने का सुअवसर प्रदान करते हैं। इस तरह के ट्रैकिग शिविरों से शारीरिक व मानसिक विकास होता है। वहीं, बच्चों में एकता व आपसी सहयोग की भावना उत्पन्न होती है। विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों को एक-दूसरे की संस्कृति के बारे में ज्ञान व चरित्र, साहस, मित्रता जैसे आदर्शो का विकास होता है। ऐसे शिविर में छात्रों को आनंद एवं उत्साह के साथ भाग लेकर यादगार बनाना चाहिए।

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उन्होंने विद्यार्थियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने का संदेश भी दिया। वहीं शिविर दौरान आयोजित की गई चित्रकला प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान किएा। इस मौके पर प्रतिभागियों द्वारा प्रेरणात्मक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। यूथ हॉस्टल के प्रभारी राम सिंह थामस, फिल्ड डायरेक्टर कुनाल जोशी, कैंप लीडर नीलम जोशी व अंशुल सूद ने बताया कि प्रतिभागियों के पूर्ण विकास के उद्देश्य से आयोजित किए गए इस कैंप का प्रतिभागियों ने भरपूर फायदा व आनंद उठाया।

कैंप के दौरान प्रतिभागियों ने रॉक क्लाइविंग, ट्रैकिग, रैपलिग आदि सहासिक गतिवधियों में हिस्सा लिया। वहीं, मनोरंजन के साथ-साथ उनके ज्ञान का परीक्षा भी ली गई। प्रतिभागियों ने कहा कि प्रकृति के कई ऐसे अहसास हैं जो हमें शहरों में रहते हुए नहीं मिलते। कंक्रीट के जंगलों में रहते हुए हम धरती की खूबसूरती को सिर्फ कागजों या चित्रों में ही देखते हैं लेकिन इस शिविर के माध्यम से डलहौजी की प्राकृतिक खूबसूरती को करीब से निहारने का मौका मिला।


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