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बंदर खेत के अंदर, किसान बने पहरेदार

-सुबह से शाम तक पहरेदारी करने पर भी नहीं बच पा रही फसल -दिन प्रतिदिन बढ़ रही बंदरों क

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 06:53 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 06:53 PM (IST)
बंदर खेत के अंदर, किसान बने पहरेदार
बंदर खेत के अंदर, किसान बने पहरेदार

-सुबह से शाम तक पहरेदारी करने पर भी नहीं बच पा रही फसल

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-दिन प्रतिदिन बढ़ रही बंदरों की संख्या से लोग भी परेशान संवाद सहयोगी, मैहला : विकास खंड सलूणी की ग्राम पंचायत बाड़का, सेरी व करवाल में बंदरों के आतंक से किसान परेशान हैं। हर रोज झुंड के साथ खेतों में पहुंच रहे बंदर मक्की की फसल को पूरी तरह से चट कर रहे हैं। पिछले कई वर्षो से चली आ रही यह समस्या दिन प्रतिदिन विकराल होती जा रही है, जिससे किसान काफी चिता में है। हर रोज बंदरों के आतंक से परेशान कुछ किसान खेती छोड़ने पर विवश होने हो गए हैं।

क्षेत्र में पड़ने वाले झौड़ा, डिभर, पुखरी, इंगलोई, सलौट, टिकरी, भड़ेई, आसा, सेर, मांजू, छतरेल , कुंड, छंबर, घेका, किलर, संधवार, नगाल, इछलेई, कौथी, तिबारी, भिगडोगा, अटालु व जंगलबाड के अलावा क्षेत्र में पड़ने वाले कई गांवों के खेतों में ही बंदरों ने अपने बसेरे बना लिया है। अब तो बंदरों की आबादी इतनी बढ़ गई है कि यह एक ही समय में कई खेतों में धावा बोल कर फसलों को तबाह कर रहे हैं।

लोगों को अपने अन्य जरूरी कार्यो को छोड़कर दिनभर अपनी फसलों का पहरा देना पड़ रहा है। बावजूद इसके भी फसल को बचा पाना काफी मुश्किल हो गया है। लोगों में चैन लाल, देशराज, विदरो राम, गनी मोहम्मद, बशीर खान, बालम राम, जग्गू राम, रमेश कुमार, कृष्ण कुमार, राजेश कुमार, शिव कुमार, हेम राज, अनिल कुमार, अनीस खान, मदन लाल, पवन कुमार व घीलो राम सहित अन्य का कहना है, कि पिछले चुनावों के समय पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बंदरों से निजात दिलाने के दावे किए थे, लेकिन जीतने के बाद चार साल गुजर जाने को हैं ओर आज दिन तक न तो सत्तासीन पार्टी ने समस्या के समाधान के लिए उचित कदम उठाया है, ओर न ही विपक्ष ने विधानसभा सहित अन्य मंच पर किसानों की इस समस्या को रखा है। परिणामस्वरूप गांवों में बंदरों की बढ़ती संख्या से लोग बेबस होते नजर आ रहे हैं। इन दिनों जहां लोग सर्दियों के लिए घास जमा करने सहित अन्य कार्यो में जुटे हैं, वहीं बंदरों से प्रभावित सभी गांवों में सुबह से शाम तक फसल की पहरेदारी करनी पड़ रही है।

कई बार उठाई समस्या, पर नहीं हुआ समाधान

लोगों का कहना है की उन्होंने कई बार सरकार व विभाग से बंदरों की समस्या से निजात दिलाने की मांग की परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब क्षेत्र के किसानों ने सरकार व विभाग से एक बार फिर समस्या के समाधान के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है, ताकि किसान विवश होकर खेती छोड़ने पर मजबूर न हो सेक।

बंदरों को पकड़ने के लिए बुलाई जाएगी टीम

डीएफओ सलूणी कुलदीप जम्वाल का कहना है कि जल्द ही बंदरों को पकड़ने वाली टीम को बुला कर क्षेत्र में भेजा जाएगा, ताकि बंदरों को पकड़ कर रिहायशी क्षेत्र से दूर पहुंचाया जा सके और किसानों व बागवानों की फसल सुरक्षित रह सके।


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