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स्ट्रेचर पर सामान, मरीज पैदल

मरीजों की बजाए सामान ढोया जा रहा है। लेकिन मेडिकल प्रबंधन इस संदर्भ में कोई कार्रवाई करता नहीं दिख रहा है। इस वजह से जिले भर से यहां उपचार के लिए आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। हालांकि अस्पताल में स्ट्रेचरों की व्यवस्था मरीजों को वार्डों में ले जाने और टेस्ट करवाने के लिए होती है। मगर चंबा मेडिकल कॉलेज में इनका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। इस वजह से तीमारदार स्ट्रेचर के लिए

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 04:24 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 04:24 PM (IST)
स्ट्रेचर पर सामान, मरीज पैदल
स्ट्रेचर पर सामान, मरीज पैदल

संवाद सहयोगी, चंबा : मेडिकल कॉलेज चंबा में स्ट्रेचरों पर मरीजों की जगह सामान ढोया जा रहा है। लेकिन मेडिकल प्रबंधन कोई कार्रवाई करता नहीं दिख रहा है। इस वजह से जिलेभर से यहां उपचार के लिए आने वाले मरीजों व तीमारदारों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। हालांकि अस्पताल में स्ट्रेचरों की व्यवस्था मरीजों को वार्डो में ले जाने और टेस्ट करवाने के लिए होती है। मगर चंबा मेडिकल कॉलेज में इनका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। इस वजह से तीमारदार स्ट्रेचर के लिए भटकते रहते हैं। मगर उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिलते हैं। मजबूरी में उन्हें मरीजों को पीठ पर उठाकर यहां से वहां ले जाना पड़ता है। मगर व्यवस्था देखने वाले अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं। तीमारदार योगराज, कमलेश कुमार, मनीष कुमार, सुरेंद्र, हरीश कुमार, रवि कुमार, चंदराम, राकेश, किशोर ने बताया अस्पताल में राशन सहित अन्य जो भी सामान आता है। उसे ले जाने के लिए स्ट्रेचरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस कारण अस्पताल में रखे कई स्ट्रेचर खस्ताहाल हो चुके हैं। स्ट्रेचर पर क्षमता से ज्यादा सामान ले जाया जा रहा है, इस वजह से स्ट्रेचर टूट रहे हैं। इस समस्या को लेकर तीमारदार कई बार अस्पताल प्रबंधन को भी अवगत करवा चुके हैं। लेकिन प्रबंधन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। स्ट्रेचर अब सामान ढोने तक ही सीमित हो गए हैं। मरीजों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि सरकार और विभाग स्ट्रेचरों को मरीजों की सुविधा के लिए खरीदती है। उन्होंने जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से मांग की है कि स्ट्रेचरों पर सामान ढोने की व्यवस्था बंद की जाए। मेडिकल कॉलेज चंबा में एक दर्जन के स्ट्रेचर उपलब्ध है। बावजूद इसके अस्पताल के धरातल पर मात्र एक या दो स्ट्रेचर ही देखने को मिलते हैं। रोजाना मेडिकल कॉलेज में करीब 1200 ओपीडी है और 25 से अधिक मरीज रोजाना विभिन्न वार्डो में भर्ती किए जाते हैं।

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उनके ध्यान में मामला नहीं है, अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी पूरी जांच होगी। स्ट्रेचर मरीजों की सुविधा के लिए हैं। सामान ढोने के लिए इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ. विनोद शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज चंबा।


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