शिव चेलों ने देना शुरू की मणिमहेश यात्रा की अनुमति
मणिमहेश यात्रा में वीरवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण रहा। राधाष्टमी स्नान के लिए शिव चेलों ने मणिमहेश जाने के लिए अनुमति देना शुरू कर दी।
संवाद सहयोगी, भरमौर : मणिमहेश यात्रा में वीरवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण रहा। राधाष्टमी स्नान पर मणिमहेश झील को पार कर स्नान की विधिवत शुरुआत करने वाले शिव चेलों ने वीरवार को मणिमहेश जाने वाले श्रद्धालुओं को अनुमति प्रदान करने का प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिव भक्त त्रिलोचन के वंशज व शिवचेलों ने चौरासी मंदिर परिसर पहुंच कर यात्रियों को आगामी यात्रा के लिए अनुमति प्रदान की।
मान्यता है कि इन शिव चेलों में इस दौरान अलौकिक शक्ति समाहित होती है। इन शक्तियों से वे मणिमहेश यात्रा की अनुमति लेने वाले श्रद्धालु के जीवन में घटित होने वाली घटनाओं को महसूस कर लेते हैं और इसी के आधार पर यात्रा की अनुमति निर्भर करती है। इसलिए इन शिवचेलों की कोई अवज्ञा नहीं करता। वर्षो से चली आ रही इस प्रथा का अनुसरण मात्र गद्दी व भद्रवाह के श्रद्धालु ही करते थे। लेकिन अब पंजाब, हरियाणा तथा दिल्ली सहित अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी करने लगे हैं। 15 सितंबर को ये शिव चेले चौरासी मंदिर परिसर स्थित शिव मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद मणिमहेश के लिए रवाना हो जाएंगे। इन चेलों के साथ भद्रवाह से आए श्रद्धालुओं की छड़ियां भी चलेंगी। 15 सितंबर को धन्छो में रात्रि ठहराव के बाद 16 सितंबर सप्तमी को शिव चेले मणिमहेश डल झील को पार कर राधाष्टमी स्नान की शुरुआत करेंगे। इस बार मौसम का मिजाज लगातार बिगड़ रहा है। लगातार बदलते मौसम के मिजाज के चलते इस बार सप्तमी पर होने वाला बड़ा न्हौण काफी ठंडा होने की उम्मीद है। वहीं, जैसे-जैसे बड़े न्हौण की तिथि नजदीक आ रही है भरमौर मुख्यालय में मणिमहेश यात्रियों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि बड़े न्हौण पर इस साल काफी अधिक संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे।