मणिमहेश यात्रा: शिवभक्तों से लूट, प्रशासन अनजान
मणिमहेश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को लूटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं रहा है। दुकानदार श्रद्धालुओं से दोगुने दाम वसूल रहे हैं।
चंबा, जेएनएन। मणिमहेश यात्रा में श्रद्धालुओं से लूट रुक नहीं पा रही है। हैरत की बात है कि प्रशासन द्वारा यात्रा में प्रत्येक सेक्टर में एक-एक अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं से दुकानदार व अन्य लोग दोगुने तक दाम वसूलने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। लेकिन उन पर प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
वहीं, प्रशासन श्रद्धालुओं से हो रह लूट से अनजान बना हुआ है। मणिमहेश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को लूटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं रहा है। हड़सर से मणिमहेश तक प्रशासन ने खाद्य सामग्री का विभिन्न स्थानों जैसे हड़सर, धन्छो, गौरीकुंड तथा डल झील तक अलग-अलग रेट निर्धारित किया है। श्रद्धालुओं की मानें तो चाय 20 रुपये, खाना 80 तो खच्चरों वाले हड़सर से मणिमहेश तक 1500 से 1800 रुपये प्रति सवारी तक वसूल रहे हैं। जबकि तय दरें प्रति खच्चर अधिकतम 1400 रुपये हैं।
मानक नहीं हो रहे पूरे
मणिमहेश यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा होटल व ढाबों में तय मानकों के तहत श्रद्धालुओं को भोजन नहीं परोसा जा रहा है। भरमौर में 50 रुपये प्रति व्यक्ति डाइट दी जा रही है जबकि धन्छौ, गौरीकुंड व डल पर साठ से 70 रुपये डाइट दी जा रही है। वहीं, मैगी का दस रुपये का पैकेट 50 रुपये में बेचा जा रहा है। चाय का कप दस से 20 रुपये में मिल रहा है।
प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा के दौरान सभी होटल व ढाबा मालिकों को रेट लिस्ट चस्पां करने के आदेश दिए हैं। बावजूद इसके अगर रेट लिस्ट नहीं लगाई गई है तो प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन द्वारा खाद्य सामग्री के दाम सहित कुली, घोड़े, खच्चर के भी दाम तय किए किए हैं। तय दाम से अधिक वसूलने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
पीपी सिंह, एडीएम भरमौर।
प्रशासन की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल
कांगड़ा के अमित कुमार, सुनील, भुवनेश, चंबा के पंकज, मदन कुमार, भरमौर से सुरजीत ने बताया कि प्रशासन द्वारा यात्रा के दौरान हड़सर से लेकर धन्छौ तक कुली के रेट 1400 तय करने के बावजूद 1500 से लेकर 1800 रुपये के बीच वसूले जा रहे हैं। घोड़े का प्रशासन द्वारा हड़सर से लेकर डल झील तक 1400 रुपये तय किया गया है। मगर श्रद्धालुओं से 1500 से लेकर 1800 तक वसूला जा रहा है। जिस पर प्रशासन द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। श्रद्धालुओं ने प्रशासन की कार्यप्रणाली को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।