बच्चों से लेकर बुजुर्गो में लोहड़ी का उल्लास
लोहड़ी पर्व के लिए चंबा के बाजार सज गए हैं।
संवाद सहयोगी, चंबा : लोहड़ी पर्व के लिए शिवभूमि चंबा के बाजारों व घरों में भी तैयारियां पूरी हो गई हैं। शनिवार को ठंड के बीच चंबा बाजार में लोहड़ी के सामान की खरीदारी के लिए लोगों की काफी भीड़ उमड़ी। दुकानदारों ने स्टाल पर लोहड़ी के लिए मूंगफली, गच्चक, रेवड़ी, तिलपट्टी, तिल, गुड़ और मुरमुरा विशेष रूप से सजाए हैं। खरीदारी करने के लिए स्थानीय लोग भी बाजारों का रुख करने लगे हैं। लोगों ने लोहड़ी के लिए सजाई गई दुकानों से खरीदारी करना शुरू कर दिया है।
लोहड़ी पर्व किसानों के साथ जुड़ा हुआ है। इस पर्व की खासियत यह है कि यह पर्व फसलों से जुड़ा है। इस पर्व पर फसलों की बुआई खत्म होने के बाद शरद ऋतु की आखिरी फसल लगाकर किसान आरंभ करते हैं। फसल की बुआई खत्म होने की खुशी में ही लोहड़ी पर्व मनाया जाता है। वैसे तो यह त्योहार पंजाब में काफी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन प्रदेश में भी लोहड़ी और संक्रांति का उल्लास देखते ही बनता है। यहां पर बच्चों से लेकर बुजुर्गो को लोहड़ी पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है। लोहड़ी व संक्रांति को यहां भी धूमधाम से मनाया जाता है। लोहड़ी पर विशेष रूप से मूंगफली, रेवड़ियां, गच्चक, तिलचौकी, गुड़ बांटे और खाए जाते हैं। बच्चे मांगते हैं घर-घर लोहड़ी
लोहड़ी पर्व की सबसे खास बात बच्चों की रहती है कि जब बच्चे घर-घर जाकर लोहड़ी के गीत गाकर लोहड़ी मांगते हैं। लोहड़ी के पर्व पर शहर के बाजारों में जगह-जगह लोहड़ी जलाई जाती है। इसमें स्थानीय लोग एक साथ इकट्ठे होकर आग जलाकर लोहड़ी पूजन करते हैं। इस मौके पर संगीत और डांस का आयोजन भी चंबा में जगह-जगह होगा। संक्रांति पर काले माह की खिचड़ी खाना शुभ माना जाता है
मकर संक्रांति पर्व पर जहां तिल, गुड़ और मूंगफली का विशेष महत्व होता है, वहीं इस दिन काले माह की खिचड़ी खाना भी शुभ माना जाता है। सर्दियों के समय आने वाले इस त्योहार में घी के साथ खिचड़ी खाने की मान्यता है। खिचड़ी के बिना संक्रांति के इस त्योहार को अधूरा माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पानी में काले तिल डालकर स्नान करना शुभ होता है।