चंबा रूमाल को पहचान दिलाने पर ललिता वकील सम्मानित
विरासत की कारीगरी को वर्तमान में नया स्वरूप देने और इस क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए ललिता वकील को सम्मनित किया गया है। चंबा रूमाल की परंपरा को सहेजने व प्रतिस्पर्धा में नए डिजाइन तैयार कर उन्होंने इस संस्कृति को पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। इससे पहले भी कला क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए ललिता
संवाद सहयोगी, चंबा : चंबा रूमाल को विश्व में पहचान दिलाने वाली ललिता वकील को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय केंद्र सरकार की ओर से महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने सम्मानित किया है। ललिता वकील चंबा की अकेली महिला हैं, जिन्हें तीसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। चंबा की पौराणिक व विरासत की कारीगरी को वर्तमान में नया स्वरूप देने और इस क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए ललिता वकील को सम्मनित किया गया है। चंबा रूमाल की परंपरा को सहेजने व प्रतिस्पर्धा में नए डिजाइन तैयार कर उन्होंने इस संस्कृति को पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। इससे पहले भी कला क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए ललिता को 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। उन्हें 1995 में बेस्ट क्रॉफ्ट वूमैन अवार्ड से लखनऊ में सम्मानित किया जा चुका है। ललिता ने चंबा की कई लड़कियों को मुफ्त में प्रशिक्षण प्रदान कर स्वरोजगार के साथ जोड़ा है। उन्हें सम्मनित करने पर पूरे जिले में खुशी की लहर है।
1997 में दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर भी सम्मानित किया गया था। वर्ष 2000 में कला श्री अवार्ड, 2006 में कला रतन अवार्ड भी मिल चुका है। ललिता वकील ने बताया वह चंबा रूमाल के कढ़ाई के कार्य में जुटी हुई हैं। उनका अधिकांश कढ़ाई में व्यतीत होता है। जब चंबा रूमाल का अस्तित्व खत्म हो रहा था तो उन्हें चंबा रूमाल को नया अस्तित्व दिया। पुराने क्रॉफ्ट में नई पेंटिंग को जगह दे रही है। इस वजह से चंबा रूमाल की डिमांड काफी बढ़ रही है।