खेत सींचने के लिए कहां से लाएं पानी
भटियात क्षेत्र की ग्राम पंचायत ककीरा कस्बा में किसानों के खेतों को
संवाद सहयोगी, बकलोह : भटियात क्षेत्र की ग्राम पंचायत ककीरा कस्बा में किसानों के खेतों को सिंचित करने के लिए बनाई कूहल क्षतिग्रस्त हो चुकी है। स्थिति यह है कि जगह-जगह से टूट चुकी कूहल से किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। किसानों का कहना है कि बारिश होने पर गंदगी व कूड़ा जगह-जगह क्षतिग्रस्त कूहल के कारण उनके खेतों में घुस रहा है।
किसान बताते हैं कि वर्ष 2005 में पंचायत के गांव तलरा में कूहल का निर्माण किया गया था। तीन किलोमीटर लंबाई वाली कूहल की मरम्मत न होने से खासकर बरसात के दिनों में सारा पानी उनके खेतों में पहुंच जाता है। इससे हर साल फसल बर्बाद हो जाती है। कई बार संबंधित विभाग से इसकी मरम्मत की गुहार लगा चुके हैं लेकिन आज दिन तक कुछ नहीं हुआ।
पंचायत में करीब 60 से अधिक किसान है। इनको इस कूहल से फायदा होता था। मरम्मत न होने से उनकी दिक्कतें बढ़ गई है। उनकी मांग है कि जल्द मरम्मत कार्य शुरू किया जाए ताकि किसानों को सिचाई के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े। वे बताते हैं कि सिचाई कूहल निर्माण उपमंडल भू संरक्षण विभाग ने किया था लेकिन इसके रखरखाव में उदासीनता दिख रही है।
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पंचायत में कूहल की हालत काफी खस्ता हो गई है। खेतों में कूहल के माध्यम से पानी आना बंद हो गया है। जगह-जगह से कूहल टूटने से 10 फीसद पानी खेतों तक नहीं पहुंचता है।
राजीव, स्थानीय निवासी तलारा।
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कूहल के डंगे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन जगहों पर मिट्टी लगाकर खेतों तक मुश्किल से पानी पहुंचाया जाता है। संबंधित विभाग से मरम्मत की गुहार लगाई है लेकिन कुछ नहीं हुआ।
जोगिद्र, स्थानीय निवासी।
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कूहल में जगह-जगह मिट्टी भर गई है। बरसात में आया मलबा कूहल में जमा हो गया है। इसे निकालने में काफी समय लगेगा। किसानों की समस्या का जल्द समाधान होना चाहिए।
तरुण, स्थानीय निवासी।
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पंचायत में कई बार प्रस्ताव पारित किए गए की मरम्मत कार्य किया जाए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। खस्ताहाल कूहल के कारण किसान परेशान है। पानी की कमी से सब्जियां नहीं उगा पाते हैं।
कुशल, स्थानीय निवासी।
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पंचायत में कूहल की मरम्मत के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। जल्द ही मनरेगा के तहत कूहल की मरम्मत की जाएगी। किसानों को राहत पहुंचाने के लिए बेहतर प्रयास किए जाएंगे।
संतोष, पंचायत प्रधान ककीरा कस्बा।
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पंचायत प्रस्ताव बनाकर उन तक पहुंचाती है तो कूहल का दोबारा निर्माण करवा दिया जाएगा। जैसे ही प्रस्ताव बनाकर दिया जाएगा उसके तुरंत बाद इसे दूसरे बजट में इसे डाल दिया जाएगा।
योगराज चौहान, भू-संरक्षण अधिकारी।