चिकित्सकों की कमी मरीजों पर पड़ रही भारी
मेडिकल कालेज चंबा में इलाज करवाने आ रहे लोगों का मर्ज कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है।
संवाद सहयोगी, चंबा : मेडिकल कालेज चंबा में इलाज करवाने आ रहे लोगों का मर्ज कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों की न तो समय पर जांच हो रही है और न ही इलाज मिल रहा है।
चुराह के जसौरगढ़, टिकरीगढ़, बैरागढ़, सलूणी के हिमगिरी, लंगेरा, पिछड़ा डियूर, डंडी, तेलका, भुनाड़ भलेई के अलावा जनजातीय क्षेत्र भरमौर के चोबिया, खणी, होली नयाग्रां उलांसा भंजनैली जैसे दुर्गम क्षेत्रों से अल सुबह घर से इलाज लिए निकल रहे लोग सड़क मार्ग तक पैदल पहुंच रहे हैं, उसके बाद बसों के माध्यम से जिला मुख्यालय पहुंचने के बाद दो से ढाई किलोमीटर का पैदल सफर तय करने के बाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल पहुंच रहे हैं।
मेडिकल कालेज पहुंचकर पर्ची बनवाने के लिए काउंटर के बाहर लाइन में लगना पड़ रहा है। काफी समय के बाद पर्ची बनने के बाद ओपीडी के बाहर कतार में लग कर बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। कई बार तो इंतजार करते ही समय बीत रहा है और चिकित्सक ओपीरी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि मेडिकल कालेज में मेडिसिन, गायनी सहित कुछ अन्य विभागों में एक दो ही चिकित्सक हैं। उन्हें ही इनडोर मरीजों के अलावा ओटी ओपीडी सहित अन्य तरह के कार्य भी निपटाने पड़ रहे हैं। लंबे इंतजार के बाद भी इलाज न मिलने से परेशान कई लोग निजी क्लीनिक में पहुंचकर इलाज करवा रहे हैं। पिछले दो दिन से स्लाइड खत्म होने के चलते भी मरीजों के कई टेस्ट रुके हुए हैं।
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चिकित्सकों की कमी के चलते समस्या आ रही है। मौजूदा समय में जिन चिकित्सकों को चंबा भेजा था, उन्हें भी सरकार ने बुला लिया है। मेडिकल कालेज चंबा के लिए चिकित्सक देने की मांग हर समय सरकार के समक्ष उठाई जा रही है।
-रमेश भारती, प्राचार्य मेडिकल कालेज चंबा।