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अंधेरा ढूंढ रहा है रोशनी की किरण

जनजातीय क्षेत्र पांगी की कुछ पंचायतों में छाया अंधेरा रोशनी की किरण ढ

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 08:12 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 08:12 PM (IST)
अंधेरा ढूंढ रहा है रोशनी की किरण
अंधेरा ढूंढ रहा है रोशनी की किरण

संवाद सहयोगी, पांगी : जनजातीय क्षेत्र पांगी की कुछ पंचायतों में छाया अंधेरा रोशनी की किरण ढूंढ रहा है। मार्च शुरू होते ही क्षेत्र की सात पंचायतों में दिन में ऐसा संकट छाया है कि अब दिन को एक को एक घंटा ही बिजली नसीब है। किलाड़, करेल, हुदान, त्रियूणी, साच, कुमार, भिंडरू पंचायत को इस मुसीबत ने घेर रखा है। सेचू, साहली, सौण पंचायतों का हाल तो यह है कि यहां कभी कभार ही बल्ब जलते हुए दिखते हैं। पिछले तीन चार दिन से ये पंचायतें अंधेरे में हैं।

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स्थानीय निवासी, नंदलाल, सतीश कुमार इंद्र सिंह, जगदेव, ध्यानचंद, देशराज, पवन कुमार, देवी सिंह, देवराज, राम दयाल, रामनाथ, प्रेमराज, रोशनलाल, हरदीप, अजय कुमार, राजकुमार, भागसेन, जनकराम, नानक चंद आदि का कहना है कि उनकी दिक्कत का हल अभी तक नहीं निकला है। अपना दर्द किसके आगे बयां करें। अंधेरा है कि पीछा छोड़ नहीं रहा और इसे दूर करने के लिए दूर-दूर तक कोशिशें होती नहीं दिख रही हैं।

जेनरेटर की कहीं-कहीं ही व्यवस्था

सरकारी कार्यालयों का भी कुछ खास अच्छा हाल नहीं है। जहां जेनरेटर हैं, वहां बिजली जाने पर भी काम निपटा लिए जाते हैं और जहां नहीं वहां ठप पड़ जाते हैं। खंड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, बीडीओ कार्यालय, आरसी कार्यालय, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग के पास जेनरेटर की सुविधा है और बागवानी व कृषि विभाग आयुर्वेदा विभाग, सीडीपीईओ कार्यालय, बीईओ कार्यालय की पहुंच से दूर है।

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मोबाइल की रोशनी ने निपटा रहे काम

बिजली संकट से कई बार पांगी घाटी में घरों के अलावा दफ्तरों में भी मोबाइल फोन की रोशनी व कैंडल के सहारे कार्य निपटाने पड़ रहे हैं। ऐसे में पांगी घाटी की बिजली की समस्या का हल जल्द हो इसके लेकर सरकार को भी गंभीरता दिखाने की आवश्यकता है। जनजातीय क्षेत्र पांगी में बिजली की आपूर्ति गंभीर समस्या बन गई है। समस्या के समाधान के लिए सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाएं हैं।

करोड़ों खर्च पर हल नहीं निकला

नकरोड किलाड़ 33 केवी लाइन पर करोड़ों खर्च करने के बाद भी लाइन पांगी नहीं पहुंच पाई। 80-90 के दशक में किलाड़ थ्रियोट 11 केवी लाइन बिछाई गई थी। अब उसका कोई प्रमाण नहीं है। किलाड़ थ्रियोट 33 केवी लाइन बिछाने का सरकार और बोर्ड प्रपोजल बनाने की बात कर रहे हैं। उधर सीमा सड़क संगठन मनाली श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने का काम कर रहा है। ऐसे में यह लाइन कामयाब हो पाएगी या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है।

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लाहुल स्पीति के थ्रियोट से पांगी घाटी को बिजली सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 33केवी की लाइन बिछाने को लेकर प्रयास तेज किए गए हैं। इसके लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।

जियालाल कपूर, विधायक भरमौर-पांगी।

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पांगी घाटी में बिजली संकट दूर करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पहले थ्रियोट व पांगी के बीच 11केवी की लाइन थी, जो टूट गई है। सरकार व विद्युत बोर्ड यहां पर 33 केवी की लाइन बिछाने का प्रयास करेगी।

हेमराज राणा, सहायक अभियंता विद्युत बोर्ड पांगी।


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