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मेडिपर्सन एक्ट में प्रस्तावित संशोधन का विरोध

हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन जिला चंबा इकाई ने प्रदेश सरकार द्वारा मेडिपर्सन एक्ट में प्रस्तावित संशोधन का कड़े शब्दों में विरोध किया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 07:13 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 07:13 PM (IST)
मेडिपर्सन एक्ट में प्रस्तावित संशोधन का विरोध

संवाद सहयोगी, चंबा : हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन जिला चंबा इकाई ने प्रदेश सरकार द्वारा मेडिपर्सन एक्ट में प्रस्तावित संशोधन का कड़े शब्दों में विरोध किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिलबाग ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि यदि इस एक्ट को गैर-जमानती अपराधों की श्रेणी से हटाया जाता है तो चिकित्सकों एवं स्टाफ के खिलाफ दु‌र्व्यवहार और मारपीट की घटनाओं में वृद्धि होगी और असामाजिक तत्वों को बढ़ावा मिलेगा। डॉक्टरों एवं स्टाफ के संगठन निरंतर सरकार से यह निवेदन करते आए हैं कि स्वास्थ्य संस्थाओं में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की जाए। ऐसे में मौजूदा कानून को कमजोर करना चिकित्सकों और स्टाफ की मांगों व हितों के साथ खिलवाड़ है।

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डॉ. दिलबाग ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सक सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे हैं, लेकिन सभी जेनरिक दवाएं सरकारी संस्थानों में उपलब्ध ही नहीं हैं। बहुत सी दवाएं जेनरिक न होकर एथिकल भी हैं, जिसका ज्ञान शायद उच्चाधिकारियों को नहीं है। एसोसिएशन ने सरकार से पुन: निवेदन किया है कि सभी जेनरिक दवाओं की गुणवत्ता एवं निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करवाई जाए, ताकि मरीजों को इसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके। साथ ही उन्होंने मेडिपर्सन एक्ट को गैर-जमानती ही रखे जाने की मांग भी की, ताकि सभी स्वास्थ्य अधिकारी एवं कर्मचारी निडर होकर मरीजों के हित में अपनी सेवाएं दे सकें।


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