मणिमहेश जाने वाले रास्ते पर भूस्खलन का खतरा
अगर भूस्खलन हुआ तो मणिमहेश जाने वाले यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाना पड़ेगा।
भरमौर, जेएनएन। मणिमहेश जाने वाले रास्ते पर जलधार मंदिर तथा गसकुड़ी मंदिर के बीच बड़ी-बड़ी दरारें आ जाने के कारण हड़सर में भारी भूस्खलन का खतरा मंडराने लगा है। लोगों के अनुसार पेयजल लाइन लीक होने के कारण दरारें आई हैं। शनिवार देर शाम हड़सर के समीप कुगति सड़क पर भूस्खलन होने के कारण सड़क बंद हो गई थी, जिसकी दरारें मणिमहेश के लिए जाने वाले पुराने पैदल रास्ते तक पहुंच गई हैं। इसकी चपेट में जलधार मंदिर, उसकी सराय तथा कुछ दुकानें भी आ गई हैं।
दरारें इतनी बड़ी हैं कि भूस्खलन कभी भी हो सकता है, वहीं इसी रास्ते पर नीचे मुख्य मार्ग पर हुए भूस्खलन वाले स्थान पर निरंतर गिर रहे पत्थरों के कारण कुगति की ओर जाने वाले लोग बुढ्डल नदी के तट के पास से पुराने पैदल मार्ग से गुजरने को मजबूर हैं, जोकि जोखिम भरा भी है। मशीनरी लेकर मार्ग को खोलने पहुंचे लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने जब नीचे से मलबा हटाना शुरू किया तो ऊपर मणिमहेश के पुराने रास्ते से पत्थर गिरने शुरू हो गए। जब सड़क निरीक्षक अर्जुन शर्मा ने ऊपर जाकर देखा तो बड़ी-बड़ी दरारें जलधार मंदिर के समीप देखकर तुरंत नीचे लगी मशीन को हटाकर सुरक्षित स्थान पर भेज कर पूरा मुआयना कर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि भूस्खलन कभी भी हो सकता है। क्योंकि निचले क्षेत्रों में गर्मी बढ़ते ही औसतन 100 से अधिक यात्री प्रतिदिन मणिमहेश जा रहे हैं।
अगर भूस्खलन हुआ तो मणिमहेश जाने वाले यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाना पड़ेगा। क्योंकि, दोनों रास्ते बंद हो जाएंगे। फिलहाल जलधार मंदिर के ऊपर से वैकल्पिक रास्ता यात्रियों के लिए लोक निर्माण विभाग से निकालने का आग्रह किया गया है। हड़सर गांव के निवासियों ने दरारें आने का कारण पेयजल लाइन की सारी रात हुई लीकेज को बताया। -अंजू देवी, प्रधान हड़सर पंचायत।