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खतरनाक है तेज रफ्तार, नाबालिग को न चलाने दें वाहन

दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा सप्ताह के जान है तो जहाने अभियान के तहत शनिवार को सेंट स्टीफन स्कूल में यातायात नियमों पर जागरूक किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 10:22 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 10:22 AM (IST)
खतरनाक है तेज रफ्तार, नाबालिग को न चलाने दें वाहन
खतरनाक है तेज रफ्तार, नाबालिग को न चलाने दें वाहन

- 16 वर्ष से अधिक उम्र के युवा 50 सीसी स्कूटी चला सकते हैं, इसके लिए माता-पिता का शपथ पत्र जरूरी

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- 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे न चलाएं वाहन, यातायात नियमों के खिलाफ होने के साथ हो सकता है हादसा संवाद सहयोगी, चंबा : एएसआइ यातायात चंद्रहंस ने कहा है कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी सूरत में गाड़ी नहीं चलानी चाहिए। क्योंकि, ऐसा करना यातायात नियमों के खिलाफ है। हालांकि, इससे कुछ कम उम्र के बच्चे कुछ शर्तो को पूरा कर 50 सीसी तक स्कूटी चला सकते हैं, लेकिन जरूरी न हो तो गाड़ी चलाने से बचें। एएसआइ चंद्रहंस शनिवार को सेंट स्टीफन स्कूल के बच्चों तथा स्टाफ को यातायात नियमों संबंधी जागरूक कर रहे थे। सेंट स्टीफन सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल चंबा में दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा सप्ताह 'जान है तो जहान' अभियान का आयोजन किया गया।

एएसआइ चंद्रहंस ने कहा कि यातायात नियमों का दिल से पालन करें। 18 वर्ष तक की आयु के बच्चे अपना ड्राइ¨वग लाइसेंस बनवाएं और बिना लाइसेंस व अधूरे कागजात के वाहन न दौड़ाएं। उन्होंने कहा कि 18 साल से कम तथा 16 वर्ष से अधिक उम्र के युवा 50 सीसी तक की स्कूटी चला सकते हैं। इसके लिए माता-पिता का शपथ पत्र जरूरी है। सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनना भी अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि अकसर देखने में आता है कि युवा तेज गति के साथ दोपहिया वाहन दौड़ते हैं जोकि गलत है। तेज गति के साथ गाड़ी चलाना दुर्घटना को न्योता देना है, इसलिए यदि कोई व्यक्ति तेज गति के साथ गाड़ी चलाता हुआ पाया जाता है तो उसे गाड़ी की स्पीड को कम करने के लिए कहें। यह चालक की ही नहीं, बल्कि साथ बैठी सवारियों की सुरक्षा के लिहाज से भी जरूरी है। यदि कोई बस चालक तय गति सीमा से अधिक तेजी के साथ गाड़ी चलाता है तो पुलिस से संपर्क करें, ताकि ऐसे वाहन चालक के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। हेडफोन का इस्तेमाल करने से बचें

गाड़ी चलाते या फिर पैदल जाते समय हेडफोन का इस्तेमाल न करें। क्योंकि, जब भी गाड़ी चलाते या फिर पैदल चलते समय हेडफोन का इस्तेमाल किया जाता है तो ध्यान हेडफोन में बज रहे गीत या फिर बातों की तरफ होता है। ऐसे में पीछे से आ रही गाड़ी की आवाज सुनाई नहीं देती है, जिस कारण दुर्घटना होने का अंदेशा बढ़ जाता है। यही नहीं गाड़ी में ऊंची आवाज से स्पीकर न बजाएं। ऐसा करना भी दुर्घटना को न्योता देना है। सीट बेल्ट का प्रयोग करने की डालें आदत

गाड़ी चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट का इस्तेमाल करना जरूरी है। यह सवारियों की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। सवारियों को हमेशा सीट बेल्ट का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा न करने वालों के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई भी अमल में लाई जाती है। पुलिस द्वारा हमेशा लोगों को यातायात नियमों के बारे में जागरूक किया जा रहा है, ताकि लोग तथा वाहन चालक नियमों के प्रति जागरूक हो सकें। 18 वर्ष से कम उम्र तक के बच्चे वाहन न चलाएं। ऐसा करना यातायात नियमों के खिलाफ है। हेडफोन लगाकर गाड़ी न चलाएं तथा न ही पैदल चलते समय इसका इस्तेमाल करें। ऐसा करने से दुर्घटना हो सकती है। वाहन चालक यातायात नियमों का पालन करें।

डॉ. मोनिका, एसपी चंबा।


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