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अब कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल करेंगे क्रैच सेंटर

महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखा। पूरा दिन महिलाओं ने अन्न व जल ग्रहण नहीं किया। हिदू मान्यता के अनुसार करवाचौथ का व्रत रखने से महिलाओं के पति की आयु लंबी होती है। करवाचौथ पर्व को लेकर पूरा दिन महिलाओं ने बाजार में शॉपिग की। वहीं मनियारी ब्यूटी पार्लर स्वीट शॉप के दुकानदारों ने खूब ब्रिकी की। वहीं मेहंदी लगाने वालों के पास भी महिलाओं का खूब जमावड़ा लगा रहा। जिला में जहां महिलाओं ने अपने पतियों की लंबी आयु के लिए व्रत रखा वहीं कई पतियों ने भी अपनी पत्नियों के साथ-साथ व्रत रखा। उनके अनुसार यदि वर्ष में एक दिन पत्नियों को प्रसन्न करने के लिए भूखा भी रहना पड़े तो उनको

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 06:56 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 06:24 AM (IST)
अब कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल करेंगे क्रैच सेंटर
अब कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल करेंगे क्रैच सेंटर

जागरण संवाददाता, चंबा : जिला चंबा में कामकाजी महिलाओं के लिए अच्छी खबर है। अब वह बेफिक्र हो काम करें उनके बच्चों की देखभाल क्रेच सेंटर (शिशु पालन गृह) करेगा। इसके लिए जिला प्रशासन आंगनबाडी केंद्रों के समन्वय से क्रैच खोलने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है। यह जानकारी उपायुक्त विवेक भाटिया ने शुक्रवार को बचत भवन में आयोजित जिलास्तरीय अनुश्रवण एवं समीक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

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उन्होंने बताया कि क्रेच सेंटर खोलने के लिए सर्वप्रथम स्थान चिह्नित किए जाएंगे। मॉडल आधार पर पहला क्रेच उपमंडल चंबा में खोलने की योजना है। इनमें केयरटेकर नियुक्त कर बच्चों की सुरक्षा व प्रशिक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। सशक्त महिला योजना के तहत जिला के हर गांव में एक सशक्त महिला केंद्र खोला जाएगा, जिसमें 10 से 15 महिलाएं होंगी। इसके माध्यम से 19 से 45 वर्ष की महिलाओं को सशक्तीकरण योजनाओं की जानकारी प्रदान की जाएगी।

समेकित बाल विकास सेवाएं कार्यक्रम के अंतर्गत वर्तमान में जिला में संचालित 1495 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से छह माह से छह वर्ष आयुवर्ग के बच्चों, गर्भवती, धात्री महिलाओं तथा स्कूल छोड़ चुकी 11 से 14 साल की किशोरियों को पूरक पोषाहार से लाभान्वित किया जा रहा है। जिला में मुख्यमंत्री कन्या दान योजना के तहत 38 लाख रुपये की सहायता प्रदान की गई है। इसके तहत बेसहारा लड़कियां जिनके पिता की मौत हो चुकी हो या जिनके पिता 100 फीसद दिव्यांग होने के कारण आजीविका कमाने में असमर्थ होने के कारण बिस्तर पर हों या विधवा जिनकी वार्षिक आय 35 हजार से अधिक न हो उन लड़कियों को 51 हजार रुपये वित्तीय सहायता के रूप में प्रदान किए जाते हैं।

बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रमन शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी हुकम शर्मा, जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अरुण शर्मा, वरिष्ठ अधिकारी व स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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फ्रूट ब्रेक की व्यवस्था आरंभ करने के निर्देश

बैठक में गांव में मातृ शिशु पोषण के बारे में जागरूकता गतिविधियां आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि गंभीर कुपोषित बच्चों तथा बौने बच्चों को संदर्भ सेवाएं प्रदान करने और दक्षता से कार्य किया जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को छोटे बच्चों के संपूर्ण पोषण के लिए फ्रूट ब्रेक की व्यवस्था आरंभ करने के निर्देश दिए। पांच मिनट के फ्रूट ब्रेक में बच्चों को घर से लाए फल खाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।


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