सत्ता के दौरान कांग्रेस को नहीं हुआ पानी संकट का आभास : जयराम
चंबा : राजधानी शिमला में पानी के लिए मचे हाहाकार के बीच विपक्षी दल के शोर शराबे पर सीएम ने जबाव दिया है।
जागरण संवाददाता, चंबा : राजधानी शिमला में पानी के लिए मचे हाहाकार के बीच विपक्षी दल के विरोध-प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने करारा जबाव दिया है। चंबा प्रवास पर आए मुख्यमंत्री ने दिल्ली रवाना होने से पूर्व शनिवार को डलहौजी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विपक्षी बेवजह शोर मचा रहे हैं। उनसे सिर्फ यहीं कहना चाहता हूं कि वह पांच वर्ष तक सत्ता में रहे, क्या उन्हें इस बात का आभास नहीं हुआ कि ऐसी परिस्थिति सामने आ सकती है और उसके लिए समय रहते तैयारी करनी चाहिए।
सीएम ने कहा कि अब हम तैयारी कर रहे हैं। शिमला एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटनस्थल है और हालिया समस्या से निपटने के बाद आगामी समय में ऐसी परिस्थिति सामने न हो, खासकर उस समय पर जब टूरिस्ट सीजन पीक पर हो, इसके लिए कार्य किया जाएगा। राजधानी में पानी की सप्लाई के बाद सामने आया है कि इसके वितरण का सिस्टम बेहद खराब है और बहुत सारा लीकेज भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत सारी चीजें हैं, जिसके लिए सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि पानी-बारिश आदमी या सरकार के हाथ में नहीं है।
सीएम ने कहा कि जबसे शिमला में जलसंकट पैदा हुआ है, तबसे वह रोजाना स्वयं इसकी मॉनीट¨रग कर रहे हैं। शिमला या फिर राजधानी से बाहर होने के बाद भी स्वयं वीडियो कांफ्रें¨सग से अपने मंत्री व अधिकारियों से बातचीत करते हैं। डलहौजी से भी सुबह शिमला में वीडियो कांफ्रें¨सग के जरिए मॉनीटि¨रग की है।
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जंगल की आग बुझाने को आर्मी हेलीकॉप्टर की ली जाएगी मदद
जागरण संवाददाता, चंबा
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने माना कि फॉरेस्ट फॉयर को लेकर सरकार के पास ऐसी तकनीक व प्रबंध नहीं है, जिससे बडे़ पैमाने पर जंगल में लगी आग पर काबू पाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने आर्मी के हेलीकॉप्टर की सेवाएं भी इस कार्य के लिए लेने का निर्णय लिया है। साथ ही सरकारी हेलीकॉप्टर को भी जंगल में आग लगने की स्थिति में उसकी सेवाएं लेने के लिए तैयार रखने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आग लगने की सूचना मिलते ही इस पर तुरंत काबू पाने के आदेश विभाग को दिए गए हैं, ताकि यह जंगल में न फैल सके। उन्होंने कहा कि विभाग को निर्देश दिए गए है कि जंगल की आग को बुझाने के प्रबंधों को लेकर जिस चीज की आवश्यकता है, उसे प्लॉन कर सरकार को भेजें।