पुलिस व चाइल्ड लाइन ने रुकवाया बाल विवाह
चंबा जिला में एक और बाल विवाह का मामला सामने आया है।
संवाद सूत्र, खैरी : चंबा जिला में एक और बाल विवाह का मामला सामने आया है। पुलिस ने चाइल्ड लाइन व आइसीडीएस (इंटिग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सोसायटी) के सहयोग से डलहौजी उपमंडल के अंतर्गत एक बाल विवाह रुकवाया है। लड़की के परिजनों को उसके बालिग होने तक उसका विवाह न करवाने को भी कहा है। चेतावनी दी कि यदि इससे पहले विवाह करवाया तो कार्रवाई होगी।
एसपी चंबा डॉ. मोनिका को विवाह किए जाने की सूचना मिलने पर उन्होंने तुरंत चाइल्ड लाइन चंबा से संपर्क किया। साथ ही खैरी थाना को भी सूचित किया। उन्होंने पाया कि लड़की का विवाह सलूणी क्षेत्र के 25 वर्षीय युवक के साथ शुक्रवार शाम को होना निश्चित हुआ था। पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान कलमबद्ध किए। लड़की के परिजनों ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी। चाइल्ड लाइन ने आंगनबाड़ी वर्कर के साथ संपर्क किया और लड़की की काउंस¨लग करने को कहा।
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बाल विवाह के बारे में सूचना मिली थी, जिसके बाद चाइल्ड लाइन व आइसीडीएस से संपर्क किया गया। इसके बाद उक्त गांव में पुलिस की टीम पहुंची। परिजनों को समझाया कि बाल विवाह गैर कानूनी है। नाबालिग का विवाह न करवाने की हिदायत दी गई।
-डॉ. मोनिका, एसपी चंबा।
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अनपढ़ता के अंधेरे में बचपन से खिलवाड़
सुरेश ठाकुर, चंबा : अनपढ़ता व गरीबी के कारण चंबा में आज के दौर में भी बाल विवाह नहीं रुक रहा है। जिलेभर में इस कुरीति को खत्म करने के लिए तीन वर्ष से चाइल्डलाइन संस्था ने जिला प्रशासन व पुलिस के साथ मिलकर अब तक कुल 35 बाल विवाह रुकवाए हैं। ये मामले साहो, सिल्लाघ्राट, बैरागढ़, तीसा, डियूर, चुवाड़ी सिहुंता, भलेई तथा सलूणी क्षेत्र के रहे।
वहीं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी भी तय की गई है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतने अधिक मामले आने के बाद भी यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
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रुकवाए बाल विवाह
वर्ष,रुकवाए
2016,03
2017,22
2018,10 अब तक
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तीन वर्ष में जिलेभर में बाल विवाह के करीब 35 मामले सामने आए हैं। चाइल्डलाइन, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से ऐसे मामलों को पकड़ा गया व बच्चियों की काउंसलिंग के बाद शादी रुकवा दी गई।
-कपिल शर्मा, समन्वयक, चाइल्डलाइन, चंबा।
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चंबा में बाल विवाह पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पूरे प्रयास करने के साथ ही विभिन्न संस्थाओं व विभागों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। इसका कारण यह है कि लोग जागरूक होकर बाल विवाह के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। चंबा जिला को बाल विवाह जैसी कुरीति से मुक्त करना लक्ष्य है।
-हरीकेश मीणा, उपायुक्त चंबा।