सेहत से खिलवाड़, बिना पंजीकरण चल रहीं 13 लैब
चंबा जिला में स्वास्थ्य विभाग लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है। हालात यह हैं कि विभाग की लापरवाही के कारण जिलेभर में 13 लैब बिना पंजीकरण के चल रही हैं।
लापरवाही
- टेस्ट की रिपोर्ट भी होती है अलग-अलग, डॉक्टर व मरीज असमंजस में
- स्वास्थ्य विभाग के सख्ती न करने से हो रहा सेहत के साथ खिलवाड़
सुरेश ठाकुर, चंबा
जिला चंबा में स्वास्थ्य विभाग लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है। हालात यह हैं कि विभाग की लापरवाही के कारण जिलाभर में करीब 13 लैब बिना पंजीकरण चल रही हैं। विभाग के पास मात्र चार लैब ही पंजीकृत हैं, जबकि अन्य सभी लैब अवैध रूप से चल रही हैं। हैरानी की बात है कि लंबे समय से चंबा जिला में बिना पंजीकरण के लैब चल रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई के नाम पर आज तक कुछ करना जरूरी नहीं समझा। इससे लोगों ने भी विभाग की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। इन लैब की रिपोर्ट में भी जमीन और आसमान का अंतर है। इससे डॉक्टर और मरीज भी असमंजस में रहते हैं कि कौन सी रिपोर्ट सही है या गलत।
बिना पंजीकरण से बैखौफ लैब चला रहे संचालकों पर कार्रवाई न होने पर इनके हौसले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। वहीं, कुछ लैब में तो पैरा मेडिकल एक्ट का भी पालन नहीं हो पा रहा है। लैब में एक्ट के अनुसार योग्यता वाला स्टाफ न होने से लोगों को सही रिपोर्ट भी नहीं मिल पा रही। लिहाजा चंबा में बिना पंजीकरण चल रही लैब पर कार्रवाई न होना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही को दर्शा रहा है। ये हैं पंजीकृत लैब
प्रशांत लैब,चंबा
एसआरएल,चंबा
सिटी लैब,चंबा
रीलाइवल लैब,चंबा चंबा जिला में कहां कितनी लैब
तीसा,0
चंबा,6
सलूणी,0
डलहौजी,0
बनीखेत,4
चुवाड़ी,2
सिहुंता,3
भरमौर,2 लैब खोलने के लिए यह औपचारिकताएं जरूरी
लैब खोलने के लिए लैब संचालक को लैब तकनीशियन व एमबीबीएस चिकित्सक के सभी प्रमाणपत्र सहित एक पपत्र को भरकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को देना होता है। इसके साथ शहरी क्षेत्र वाले को तीन हजार व ग्रामीण क्षेत्र में लैब खोलने के लिए 2500 की फीस देनी होती है। चार लैब में चिकित्सक तैनात
चंबा जिला में स्वास्थ्य निदेशालय के आदेश की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हालात यह हैं कि मौजूदा समय में जिला में मात्र चार लैब में ही एमबीबीएस चिकित्सक तैनात किए गए हैं, जबकि अन्य सभी लैब में आदेश का पालन नहीं होता है। यहां लैब तकनीशियन, अटेंडेंट या लैब संचालक रिपोर्ट जारी कर रहे हैं। यही कारण है कि रिपोर्ट में कई खामियां सामने आ रही हैं। पकड़े जाने पर 25 लाख तक जुर्माने का प्रावधान
बिना पंजीकरण लैब चलाने पर क्लीनिक एक्ट 2010 के तहत 25 हजार से लेकर 25 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। अगर कोई चिकित्सक अपनी लैब खोलता है तो एक माह के भीतर लैब का स्वास्थ्य विभाग के पास पंजीकरण न करवाने पर चिकित्सक की डिग्री रद करने के साथ लैब को सील करने का भी प्रावधान है। चंबा जिला में बिना पंजीकरण चल रही लैब पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। औचक निरीक्षण करने के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। चंबा में विभाग के पास चार लैब ही पंजीकृत हैं। जो लैब बिना पंजीकरण चल रही हैं उनके संचालकों को नोटिस जारी किए गए हैं। जल्द ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
-डॉ. वाईडी शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा।