आठ महीनों में 50 लोग गंवा चुके हैं हादसे में जान
जिला की सर्पीली सड़कों पर जख्म देते हादसे थम नहीं रहे हैं। हर दिन हादसा किसी न किसी परिवार को जख्म दे रहा है।
सुरेश ठाकुर, चंबा
जिला की सर्पीली सड़कों पर जख्म देते हादसे थम नहीं रहे हैं। जिला के मुख्य व संपर्क मार्गो पर होने वाले हादसों में मरने वालों का ग्राफ हर साल बढ़ रहा है। जिला की सर्पीली सड़कों पर चार साल की ही बात की जाए तो 434 हादसों में 276 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि 843 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। जिले की सड़कों ने पीड़ित परिवारों को कभी न सहने वाले जख्म दिए हैं। इस साल जनवरी से अब तक 50 लोग जान गंवा चुके हैं।
जिला की भौगोलिक स्थिति के कारण सड़कों की दशा कुछ इस तरह की है कि चालक की लाख कोशिशों के बावजूद एक पल की लापरवाही जान पर भारी पड़ जाती है। यह बात महज 2018 की ही नहीं है, बीते सालों में भी सड़क हादसों में जान गंवाने वालों का आंकड़ा 100 के आसपास रहा है। इन सभी हादसों के लिए जिला की सर्पीली सड़कें जिम्मेदार हैं या फिर मानवीय भूल। इसका पता लगाने के लिए प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जब भी कोई बड़ी सड़क दुर्घटना होती है तो प्रशासन की ओर से उच्चस्तरीय जांच करवाने की बात कही जाती है।
जिला की कई सड़कें इतनी तंग हैं कि जरा-सी चूक गाड़ी को खाई में समा सकती है। हालांकि लोक निर्माण विभाग की ओर से सड़कों पर हादसे रोकने के लिए क्रैश बैरियर लगाए जा रहे हैं, लेकिन क्रैश बैरियर भी कम पड़ रहे हैं। अधिकतर हादसों में मानवीय भूल ही सामने आती है।
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2015 से अब तक हुए हादसे
वर्ष,हादसे,मृतक,घायल
2015,115,88,169
2016,127,94,244
2017,80,44,201
2018 अब तक,112,50,219
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सड़क दुर्घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस तुरंत पहुंच जाती है। हर साल सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा सौ के करीब रहता है। अधिकतर मामलों में मानवीय भूल सामने आती है। पुलिस द्वारा हादसों पर अंकुश लगाने के लिए वाहन चालकों व लोगों को यातायात नियमों के बारे मे जागरूक किया जाता है।
डॉ. मोनिका, एसपी चंबा।
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चंबा जिला के सभी ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए प्रशासन द्वारा एक प्लान तैयार किया है। हर साल लोक निर्माण विभाग द्वारा ब्लैक स्पॉट को ठीक करने का कार्य किया जा रहा है। हादसों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
हेमराज बैरवा, एडीसी चंबा।