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अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी के ब्लाक अध्यक्ष ने छोड़ा पद

संवाद सहयोगी पांगी ब्लाक कांग्रेस कमेटी पांगी में भितरी कलह दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 10:13 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 10:13 PM (IST)
अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी के ब्लाक अध्यक्ष ने छोड़ा पद

संवाद सहयोगी, पांगी : ब्लाक कांग्रेस कमेटी पांगी में भितरी कलह दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिसके कारण पार्टी पदाधिकारी एक के बाद एक अपना त्याग पत्र दे रहे हैं। अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी के ब्लाक अध्यक्ष नुरबुराम महायान ने आरोप लगते हुए त्यागपत्र दे दिया कि ब्लाक कांग्रेस कमेटी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और न ही आम कार्यकर्ता की कोई सुनवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि ब्लाक कांग्रेस कमेटी से विचार-विमर्श किए बिना उन पर कोई न कोई कार्य थोपा जाता है। पार्टी के जानकार बताते हैं कि ब्लाक कांग्रेस कमेटी पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही दो गुटों में बंट चुकी थी, जिसका खामियाजा कांग्रेस को 2017 के विधानसभा चुनावों में हार के रूप में भुगतान पड़ा था। शायद 1968 के बाद पहली बार किसी अन्य दल को करीब 1600 वोट के बढ़त मिली थी। इसके बाद पांगी ब्लाक कांग्रेस में 2020 के जिला परिषद चुनावों में भी देखने को मिला था, जब अध्यक्ष के फैसले को बदलकर दूसरे धड़े ने अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा था।

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जिला परिषद चुनाव के तुरंत बाद ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष ज्ञान सिंह चौहान ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अपने पद से त्याग पत्र दे दिया था। इस पर पार्टी ने प‌रू्व अध्यक्ष सुभाष चौहान को अध्यक्ष बना दिया। जून माह में पार्टी महासचिव सियाराम खाना और अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष नुरबुराम महायान ने अपना त्याग पत्र पार्टी अध्यक्ष को सौंप दिया। आम कार्यकर्ता की नहीं होती कोई सुनवाई

नुरबुराम महायान ने कहा कि ब्लाक कांग्रेस कमेटी में सब कुछ ठीक नहीं हैं। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सचिव सहित तमाम पदाधिकारी जिला व प्रदेश स्तर से बनाए जाते हैं। कार्यकर्ताओं की राय को कोई अहमियत नहीं दी जाती हैं। कमेटी की ओर से लिए निर्णय को कोई महत्व नहीं दिया जाता है। महज चंद लोगों की सुनी जाती हैं। इसलिए अल्पसंख्यक अध्यक्ष पद से त्याग पत्र देना पड़ा, जिसकी प्रति ब्लाक अध्यक्ष को सौंप दी है। नुरबुराम ने त्याग पत्र दिया है। मेरे अध्यक्ष बनने के बाद कार्यकारिणी की अभी बैठक ही नहीं हुई है। ऐसे में किसी का त्याग पत्र देना कोई मायने नहीं रखता। जब भी नया अध्यक्ष बनता है तो वह नई कार्यकरणी का गठन करता है। आपसी मनमुटाव बैठकर ही निपटाए जा सकते हैं।

सुभाष चौहान, अध्यक्ष ब्लाक कांग्रेस पांगी।


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