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10 दिन, 14 पंचायतें, बीपीएल से 158 बाहर, 154 अंदर

प्रदेश सरकार द्वारा मौजूदा समय में विकास का हर कार्य पंचायतों के माध्यम से ही करवाया जा रह

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Apr 2018 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 09 Apr 2018 03:00 AM (IST)
10 दिन, 14 पंचायतें, बीपीएल से 158 बाहर, 154 अंदर
10 दिन, 14 पंचायतें, बीपीएल से 158 बाहर, 154 अंदर

प्रदेश सरकार द्वारा मौजूदा समय में विकास का हर कार्य पंचायतों के माध्यम से ही करवाया जा रहा है, ताकि हर व्यक्ति को सरकार की योजनाओं की जानकारी व लाभ मिले। हाल ही में प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार बीपीएल सूची में संशोधन किया जा रहा है, ताकि अपात्र परिवारों को सूची से बाहर किया जा सके। दैनिक जागरण के रणवीर सिंह ने बीडीओ चंबा सुशील कुमार शर्मा से विकास खंड चंबा के बारे में जानकारी प्राप्त की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश।

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-चंबा में अभी बीते सप्ताह ही आपने ज्वाइन किया है, तो विकास खंड चंबा में क्या प्राथमिकताएं रहेंगी?

चंबा की 39 पंचायतों में समान विकास करवाया जाएगा। सबसे पहले जानकारी जुटाई जाएगी कि किस पंचायत में कितना विकास हुआ है। जिन पंचायतों में कम कार्य हुआ है वहां पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर बातचीत की जाएगी, ताकि उन पंचायतों में भी विकास के कार्यों को रफ्तार दी जा सके।

-पंचायत प्रतिनिधियों को गंदगी फैलाने वाले लोगों के खिलाफ चालान करने की शक्तियां दी जाती हैं। चंबा में ऐसा कोई मामला सामने आया है?

सरकार की तरफ से सभी पंचायत प्रतिनिधियों को गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने व चालान करने की शक्तियां दी गई है। हालांकि ऐसा मामला सामने नहीं आया है। पंचायत प्रतिनिधि लोगों को चेतावनी दे सकते हैं तथा उनके चालान कर सकते हैं। पंचायत सचिवों को भी कहा गया है कि वह इस प्रकार के मामले में कड़ी कार्रवाई करे।

प्रदेश के हर क्षेत्र में बीपीएल परिवार की छंटनी की जा रही है। विकास खंड चंबा में अभी तक क्या कार्रवाई हुई है?

सरकार ने काफी बढि़या व सराहनीय फैसला लिया है। इसके तहत हर पंचायत में ग्रामसभा के आयोजन के दौरान खासतौर पर बीपीएल की सूची में संशोधन करने को कहा गया है। अभी दस दिन में विकास खंड चंबा की 14 पंचायतों में कोरम पूरा है, जिसमें 158 अपात्र परिवारों को सूची से बाहर किया है। इसके अलावा 154 परिवारों को बीपीएल की सूची में शामिल किया है।

काफी बार देखा गया है कि मनरेगा के तहत कई बार पेमेंट नहीं होती है। इस कारण कामगारों को दिक्कत पेश आती है?

हमारी कोशिश रहती है कि पंचायत में मनरेगा के तहत हो रहे कार्य को जल्द पूरा किया जाए। खासकर मनरेगा मजदूरों की पेमेंट का भुगतान जल्द हो। चंबा में अभी तक कोई ऐसा मामला मेरे ध्यान में नहीं आया है। अगर किसी भी व्यक्ति का मनरेगा के तहत भुगतान नहीं हुआ है तो वह मुझसे मिल सकता है। तुरंत निपटारा किया जाएगा।

चंबा में कई बार शिकायत आती है कि पंचायत में हर वर्ष करवाए गए कार्य का प्रस्ताव डाल दिया जाता है। इस पर क्या कार्यवाई की जाएगी?

अभी हाल ही में मैने ज्वाइन किया है। अगर ऐसी बात है तो जांच की जाएगी। मौजूदा समय में वैसे हर कार्य ऑनलाइन किया गया है, जिससे किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं कर सकता है। इस प्रकार के मामले में स्थानीय लोग व पंचायत सचिव की भी जिम्मेदारी बनती है। अगर कहीं ऐसा हो रहा हो तो वह शिकायत कर सकते हैं।


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