मक्की की फसल को फॉल आर्मी वर्म कीट से खतरा
चंबा जिला में खरीफ की फसलों पर फॉल आर्मी वर्म कीट का खतरा बढ़ गया है।
सुरेश ठाकुर, चंबा
चंबा जिला में खरीफ की फसलों पर फॉल आर्मी वर्म कीट का खतरा बढ़ गया है। कृषि विभाग चंबा ने इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। चंबा के चमीणु व सरोल क्षेत्र में फॉल आर्मी वर्म कीट की दस्तक की सूचना मिली है। विभाग ने कृषि विकास अधिकारी की अगुआई में जांच के लिए टीमें मौके पर भेज दी हैं। अमेरिकी मूल का यह कीट पिछले साल ही कर्नाटक राज्य में कहर बरपा चुका है। वहीं यह कीट हिमाचल के कागंड़ा, ऊना व मंडी में भी दस्तक दे चुका है। जिले में भी यह दस्तक दे सकता है। कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए प्रतिदिन मक्की की फसल की निगरानी को कहा है। चंबा जिला में खरीफ के मौसम में 34640 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर किसानों द्वारा मक्की, धान जैसी फसलें तथा सब्जियां इत्यादि उगाई हुई हैं। वहीं लगभग 26000 हेक्टेयर भूमि पर मक्की की फसल लगा रखी हैं।
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दवाओं के लिए निदेशालय भेजी डिमांड
कृषि विभाग ने चंबा के चमीणु व सरोल में फॉल आर्मी वर्म कीट की दस्तक की सूचना मिलने के बाद जिलाभर में हजारो हेक्टेयर में पैदा होने वाली खरीफ की फसलों को बचाने के लिए दवाओं की डिमांड भेज दी है।
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खरीफ फसल,हेक्टेयर
मक्की,26000
धान,2150
राजमाह,1540
माह,650
आलू,800
सब्जियां,3500
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कीट की ऐसे करें पहचान
फॉल आर्मी वर्म कीट मक्की की फसल फैलता है। पत्तियों व भुट्टों को चटकर जाता है। यह सैन्य कीट है। शुरुआती स्तर पर कीट के लारवा को पहचानना मुश्किल है लेकिन जैसे-जैसे यह बड़ा होता, इसकी पहचान आसान हो जाती है। इसके सिर पर उल्टी वाई के आकार का निशान दिखाई देता है। साथ ही लारवा के आठवें बॉडी सेगमेंट पर चार बिंदू वर्गाकार आकृति में देखे जा सकते हैं।
-सुरेश शर्मा, जिला कृषि अधिकारी चंबा।
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पौधों को ऐसे पहुंचाता है नुकसान
छोटे लारवा पौधों की पत्तियों को खुरचकर खाते हैं, जिससे पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देती हैं। जैसे-जैसे लारवा बड़ा होता है, यह पौधों की ऊपरी पत्तियों को खा जाता है और बड़ा होने के बाद मक्की के गाले में घुसकर पत्तियां खाता रहता है। पत्तियों पर बड़े गोल-गोल छिद्र एक ही कतार में नजर आते हैं।
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ऐसे बचाया जा सकता है फसलों को
फॉल आर्मी वर्म कीट के प्रकोप की जानकारी मिली है। फिलहाल अभी किसान इमामेक्टीनबेंजोएट 80 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल मिलाकर छिडक़ाव करें। इसी तरह चार किलो धान का चोकर को दो लीटर पानी में डालकर उसमें आधा किलो गुड़ व 50 से 100 एमएल कीटनाशक मिला दें और 24 घंटे के बाद उसे मक्के के पोंगली में डालें। इसी प्रकार जैविक कीटनाशक विवेरियावैटियाना को 400 मिलीलीटर प्रति एकड़ के हिसाब से 300 लीटर पानी में घोल बना कर छिडक़ाव करें।
-डॉ. अरविद चाहल,कृषि विकास अघिकरी चंबा।