बंदरों के डर से छोड़ दी खेतीबाड़ी
संवाद सहयोगी, पुखरी : रुपणी पंचायत के चार गांवों में बंदरों के आतंक से परेशान लोगों ने खे
संवाद सहयोगी, पुखरी : रुपणी पंचायत के चार गांवों में बंदरों के आतंक से परेशान लोगों ने खेतीबाड़ी से हाथ खडे़ कर दिए हैं। इस मर्तबा ग्रामीणों ने खेती में मक्की की फसल बिजाई नहीं की है। ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में बंदरों ने नाक में दमकर रखा है। हालात यह है कि खेतों में फसल बिजाई करने पर बंदरों के झुंड हमला बोल मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। जिसके चलते अब ग्रामीणों ने खेतीबाड़ी छोड़ने का फैसला लिया है। ग्रामीण कृपाल, तिलक, जगननाथ, संजीव, प्रह्लाद, प्रताप चंद व अमर ¨सह आदि का कहना है कि पिछले कुछ अरसे से इलाके के कुहईं, मनौता, घाडी व पाडली गांव में बंदरों ने आतंक मचा रखा है। खेतों में कोई भी फसल बीजने पर बंदर तबाह कर दे रहे हैं। वे कई मर्तबा प्रशासन से बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। जिसके चलते अब खेतीबाड़ी न करने का कडा फैसला लेना पड़ा है। बंदरों के आतंक से परेशान लोगों ने इस मर्तबा खेतों में मक्की की फसल की बिजाई नहीं की है। ग्रामीणों ने खेत खाली छोड़ दिए हैं। बहरहाल, रुपणी पंचायत के चार गांवों के लोगों ने बंदरों के आतंक से परेशान होकर खेतीबाड़ी से हाय तौबा कर ली है।