जन्माष्टमी पर 63 शिवभक्तों ने लगाई डल झील में डुबकी
भरमौर श्री मणिमहेश यात्रा के दौरान जन्माष्टमी पर 63 श्रद्धालुओं ने पवित्र डल झील में स्नान किया
संवाद सहयोगी, भरमौर : श्री मणिमहेश यात्रा के दौरान जन्माष्टमी पर 63 श्रद्धालुओं ने पवित्र डल झील में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद यह सभी शिवभक्त अपने घर लौट जाएंगे। यह श्रद्धालु जम्मू के विभिन्न स्थानों के रहने वाले हैं। पिछले साल जन्माष्टमी पर करीब 25 हजार श्रद्धालुओं ने झील में स्नान किया था, लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से गिने-चुने लोगों को ही यात्रा पर जाने की इजाजत दी गई। वहीं, राधाष्टमी के शाही पवित्र स्नान के लिए संचुई गांव के 10 चेलों को जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी। यह जानकारी अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी एवं अध्यक्ष श्री मणिमहेश न्यास भरमौर पीपी सिंह ने मंगलवार को दी।
उन्होंने कहा कि संचुई पंचायत के शिव चेलों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन से श्री मणिमहेश यात्रा के डल झील में शाही स्नान के रस्म-रिवाज को पूरा करने के लिए अनुमति मांगी है। केवल 10 चेलों को झील में स्नान के लिए अनुमति दी है। उनके साथ छह वाद्ययंत्रियों को जाने की आज्ञा दी जाएगी। चंबा से चरपट नाथ व दशनामी अखाड़ा छड़ी के साथ आने वाले लोगों ने अभी अनुमति नहीं ली है। भरमौर प्रशासन ने पुलिस थाना प्रभारी को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आदेश जारी किए हैं। राधाष्टमी से चार दिन पूर्व हड़सर में पुलिस की छह सदस्यीय टीम, भरमाणी मंदिर में तीन व चौरासी मंदिर परिसर गेट पर दो सदस्यों की टीम रात-दिन रहेगी। इसके अतिरिक्त डल झील की ओर जाने वाले समस्त जंगली रास्तों वाया कलाह, वाया कुगती पर भी पुलिस बल तैनाती होगा। थाना प्रभारी भरमौर नितिन चौहान ने बताया कि जिला प्रशासन की अनुमति लेकर जम्मू क्षेत्र भद्रवाह, डोडा, व भलेष से आए करीब 63 शिवभक्तों को 10 से 15 के समूहों में डल झील के लिए रवाना किया गया। मंगलवार को डल झील में पूजा अर्चना व स्नान के बाद उनके देर रात तक हड़सर पहुंचने की उम्मीद है। उसके बाद वह गंतव्य की ओर रवाना हो जाएंगे।
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चोरी छिपे नहीं जा पाएंगे श्रद्धालु
मणिमहेश के लिए कोई भी श्रद्धालु चोरी छिपे नहीं जा सकता है। इसके लिए भरमौर प्रशासन ने पुलिस का कड़ा पहरा बिठाया है। हड़सर और कुगति सहित मणिमहेश की ओर जाने वाले रास्तों पर पुलिस टीमें तैनात कर दी गई हैं।