पांगी में आठ माह से नहीं खंड चिकित्साधिकारी
पांगी मुख्यालय स्थित किलाड़ अस्पताल में खंड चिकित्सा अधिकारी सहित पैरामेडिकल स्टाफ के कई पद खाली चल रहे हैं।
कृष्ण चंद राणा, पांगी
पांगी मुख्यालय स्थित किलाड़ अस्पताल में खंड चिकित्सा अधिकारी सहित पैरामेडिकल स्टाफ के कई पद खाली चल रहे हैं। इससे घाटी के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। मरीजों को किश्तवाड़, चंबा, कुल्लू, मंडी, धर्मशाला, चंडीगढ़ या शिमला में जाकर अपना उपचार करवाना पड़ रहा है।
अस्पताल में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) का पद वर्ष 2019 के बाद से खाली चल रहा है। कोविड-19 को देखते हुए जून 2020 तक बीएमओ एमके हरियाणा को सेवा विस्तार दिया गया था। जून में उनकी सेवानिवृत्ति के बाद किसी बीएमओ की स्थायी नियुक्ति नहीं दी गई। कुछ समय के लिए अस्थायी तौर पर डाक्टर राम कुमार नेगी को खंड चिकित्सा अधिकारी की शक्तियां दी गई थीं। हाल ही में पीजी के लिए चयन होने के कारण वह आइजीएमसी शिमला में चले गए। अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर भी नहीं है। यहां पर डाक्टरों सहित कुल 67 पद स्वीकृत हैं जबकि इनमें से महज 48 पद ही भरे गए हैं। 20 पद खाली चल रहे हैं।
स्थानीय लोगों गंगाराम, परस राम, हरिराम राम चरण, केवल कृष्ण, सुभाषचंद्र, पिपन लाल तथा धर्मेश कुमार ने कहा कि सरकार प्रशिक्षण से निकलने के बाद तुरंत डाक्टरों की नियुक्त करके पांगी भेज देती है। जब तक वे कुछ सीख पाते हैं, तब तक उनका स्थानांतरण कर दिया जाता है।
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वर्ष 1946 में पांगी मुख्यालय किलाड़ में लोगों की सुविधा के लिए डिस्पेंसरी खोली गई थी। उस समय भी पांगी में फार्मासिस्ट के साथ अनुभवी डाक्टर की नियुक्ति की जाती थी। लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती थीं। यहां स्टाफ की कमी है। अल्ट्रासाउंड मशीन कई साल से धूल फांक रही है।
-इंद्र प्रकाश, अध्यक्ष पांगी फर्स्ट पंगवाल फर्स्ट संस्था।
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कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में पांगी में स्वास्थ्य संस्थान खोलकर लोगों को घरद्वार पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई थीं। उस समय वरिष्ठ और अनुभवी डाक्टरों के साथ अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जाती थी लेकिन भाजपा सरकार के तीन साल के कार्यकाल में पांगी में स्वास्थ्य सेवाएं पूर्णरूप से चरमरा गई हैं।
-ज्ञान सिंह चौहान, अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पांगी।
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किलाड़ अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन समेत सभी प्रकार की टेस्ट सुविधाएं हैं लेकिन विशेषज्ञ डाक्टर और रेडियोलॉजिस्ट न होने के कारण यह सबकुछ न के बराबर है। इतना सबकुछ होने के बाबजूद भी मरीजों को इलाज करवाने के लिए घाटी से बाहर जाना पड़ता है।
-सतीश शर्मा, उपप्रधान किलाड़ पांगी।
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किलाड़ अस्पताल में बीएमओ के साथ अन्य जो भी पद खाली हैं, उनके बारे में सरकार और स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को बताया गया है। पांगी में स्थायी बीएमओ समेत अन्य स्टाफ की जल्द नियुक्ति होगी।
डा. राजेश गुलेरी, सीएमओ चंबा।