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शास्त्री अध्यापकों को दिया जाए टीजीटी शास्त्री पदनाम

हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद चंबा ने मांगों के संबंध में चंबा के विधायक पवन नैयर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 06:45 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 06:45 PM (IST)
शास्त्री अध्यापकों को दिया जाए टीजीटी शास्त्री पदनाम

संवाद सहयोगी, चंबा : हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद चंबा ने मांगों के संबंध में चंबा के विधायक पवन नैयर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है। इस मौके पर शिक्षक परिषद के अध्यक्ष मनोज ने बताया प्रारंभिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शास्त्री अध्यापक लंबे समय से टीजीटी शास्त्री पदनाम की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन इन अध्यापकों की मांग को अभी तक पूरा नहीं किया गया है, जिस कारण इन शिक्षकों में प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष है। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष 12 अगस्त को शिमला में संस्कृत सप्ताह के शुभारंभ के मौके पर उन्हें आश्वासन दिया गया था कि शास्त्री अध्यापकों की मांगों को पूरा किया जाएगा, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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मौजूदा समय में प्रदेश में लगभग 5000 शास्त्री अध्यापक सेवाएं दे रहे हैं। चंबा जिला में शास्त्री के करीब साढे़ चार सौ पद स्वीकृत हैं जिसमें से मौजूदा समय में 350 शास्त्री शिक्षक विभिन्न स्कूलों में तैनात हैं। सभी अध्यापक कमीशन तथा बैच वाइज नियुक्त किए गए हैं, लेकिन फिर भी अध्यापकों को उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है। जिला कैडर होने के कारण शास्त्री अध्यापक केवल एक ही जिले में सेवाएं दे पाता है। उन्हें दूसरे जिले की संस्कृति को जानने का मौका नहीं मिल पाता है। उन्होंने बताया कि शास्त्री अध्यापकों के लिए भी प्रदेश कैडर किया जाए। वहीं, अगर कोई शास्त्री अध्यापक अन्य जिला में स्थानांतरित किया जाता है तो वरिष्ठता सूची में न्यूनता आ जाती है। माध्यमिक विद्यालय में शास्त्री के वरिष्ठ होने पर भी उन्हें कनिष्ठ टीजीटी के अधीन कार्य करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि शास्त्री अध्यापकों की मांगों को शीघ्र पूरा किया जाए ताकि उन्हें दिक्कत का सामना न करना पड़े। इस मौके पर महासचिव अमित शर्मा अंबिका प्रसाद, कैलाश, नरेंद्र समेत अन्य शिक्षक मौजूद रहे।


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