दो माह बाद स्टोर से बच्चों संग जंगल लौटी मादा भालू
मादा भालू जंगल लौट गई है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है।
संवाद सहयोगी, डलहौजी : उपमंडल डलहौजी की रुलयानी पंचायत के रोहला गांव के एक स्टोर में अपने दो बच्चों के साथ करीब दो माह से रह रही मादा भालू अब जंगल में लौट गई है। भालू के बच्चों सहित गांव से जंगल की ओर लौटने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को अभी सतर्क रहने व जंगल की ओर न जाने की अपील की है।
रोहला गांव में एक घर के समीप बने स्टोर में बच्चों के साथ रह रही मादा भालू से गांववासियों की सुरक्षा वन विभाग के लिए चुनौती बनी हुई थी। भालू पर नजर रखने के लिए विभाग द्वारा एक मॉनीटरिग टीम गठित की गई थी। ट्रैप कैमरों और कर्मचारी वॉकी टॉकी से आपस में संपर्क कर मादा भालू व उसके बच्चों की गतिविधियों का लगातार निरीक्षण कर रहे थे। ट्रैप कैमरे में कैद तस्वीरों से पाया गया था कि स्टोर में मादा भालू अपने बच्चों को जंगली जीवन जीने के गुण सिखा रही थी। अपने छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए मादा भालू काफी ज्यादा खतरनाक होती है। दो माह तक ग्रामीणों के आसपास होने के बावजूद यहां मौजूद भालू अपने बच्चों के साथ पूरी तरह शांत रही। हालांकि ग्रामीणों को भालू व उसके बच्चों की गांव में मौजूदगी से काफी भय था। दो महीने में बच्चों के कुछ हद तक बड़े हो जाने के बाद भालू दोनों बच्चों के साथ जंगल की ओर लौट गई है।
डलहौजी के वन मंडलाधिकारी नितिन पाटिल ने बताया कि मंगलवार देर शाम मादा भालू जंगल में वापस चली गई है। इससे पूर्व भालू को जंगल में खदेड़ने के लिए विभाग की ओर से हर संभव प्रयास किए गए। इसके बावजूद स्टोर में करीब दो माह डेरा जमाए रखने के बाद अब उसके जाने से लोगों को राहत मिली है। उन्होंने कहा कि मॉनीटरिग टीम में शामिल पशुपालन विभाग, पुलिस विभाग और पंचायत प्रतिनिधियों का वन विभाग को काफी सहयोग मिला है। उन्होंने सुरक्षा के लिहाज से रुलयानी पंचायत के सभी ग्रामीणों और रोहला क्षेत्र के साथ रहने वाले गांववासियों से कुछ दिनों तक जंगल की ओर न जाने व सुरक्षित रहने की अपील की है।