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शिव भूमि भरमौर में दूसरी बार खंडित की भगवान शिव की प्रतिमा, लोगों में आक्रोश; पुलिस जांच में जुटी

Unsocial Elements Break God Shiva Statue भरमौर के लाहल नामक स्थान पर भगवान शिव की प्रतिमा खंडित करने का मामला सामने आया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 04:17 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 04:17 PM (IST)
शिव भूमि भरमौर में दूसरी बार खंडित की भगवान शिव की प्रतिमा, लोगों में आक्रोश; पुलिस जांच में जुटी
शिव भूमि भरमौर में दूसरी बार खंडित की भगवान शिव की प्रतिमा, लोगों में आक्रोश; पुलिस जांच में जुटी

भरमौर, जेएनएन। जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर के लाहल नामक स्थान पर भगवान शिव की प्रतिमा खंडित करने का मामला सामने आया है। बीती रात हुई इस घटना से क्षेत्र के लोगों में काफी आक्रोश है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस दल भी जांच के लिए पहुंच गया। लेकिन अभी तक मामले में कोई सुरंग नहीं मिला है। प्राप्त जानकारी अनुसार भरमौर उपमंडल में लाहल गांव के पास प्रथम मणिमहेश दर्शन नामक स्थान के पास स्थापित भगवान शिव प्रतिमा को शरारती तत्‍वों ने खंडित कर दिया है।

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गौरतलब है कि मात्र चार माह में इस स्थान पर देव प्रतिमा तोड़ने की दूसरी घटना है। इससे पूर्व तीन अक्‍टूबर 2019 को भी यहां स्थापित शिव प्रतिमा को किन्हीं अज्ञात लोगों ने तोड़ डाला था। जिसके बाद यहां नई प्रतिमा स्थापित की गई थी, जिसे कल रात को किसी ने फिर तोड़ डाला है। पुलिस थाना प्रभारी नितिन चौहान ने कहा पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा ऐसी घटना के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

उधर, इस घटना पर संबंधित ग्राम पंचायत खणी ने एचपीपीटीसीएल में कार्यरत कामगारों को संदेह के घेरे में लाते हुए उनकी पड़ताल करने की मांग की है। पंचायत प्रधान अंजू देवी ने कहा टॉवर निर्माण में जुटे किसी भी बाहरी कामगार को पुलिस वेरिफिकेशन के बिना काम करने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा मूर्ति खंडित करने की घटना ने क्षेत्र के लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। एक बार यह घटना दुर्घटनावश मानी जा सकती है। लेकिन बार बार ऐसा होना साजिश का हिस्‍सा हो सकता है। ऐसा कतई भी सहन नहीं किया जा सकता।

पंचायत प्रधान ने कहा कि क्षेत्र में दर्जनों लोग बिना पुलिस वैरिफिकेशन के विद्युत परियोजना व एचपीपीटीसीएल के टॉवर निर्माण में ठेकेदारों के माध्यम से कार्यरत हैं, जो संदेह के दायरे में हैं। इससे पूर्व भी इस पंचायत में पाकिस्तान लिखित गुब्बारा भी मिल चुका है। पुलिस को अब तक किसी भी मामले में कोई साक्ष्य नहीं मिल पाया है।


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