दो चरस तस्करों को 12 वर्ष की सजा
से 15 दिसंबर तक प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत तमाम विभागों द्वारा अपने-अपने स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर नशा निवारण अभियान में आहुति डाली जाएगी। उन्होंने बच्चों को नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाली हानियों के बारे में जागरूक करते हुए खुद को नशे से दूर रखने का आह्वान भी किया। इसी कड़ी में शुक्रवार को पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से शुक्रवार को महिलाओं ने जागरूकता रैली भी निकाली। महिलाओं ने रैली के माध्यम से नशा निवारण का संदेश दिया। तदोपरांत एसडीएम सदर शिवम प्रताप सिंह ने महिलाओं को नशा निवारण की शपथ भी दिलाई। पशुपालन विभाग की ओर से शुक्रवार को विभिन्न स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को नशा निवारण की शपथ दिलाई गई। उधर जिला कल्याण अधिकारी
जागरण संवाददाता, चंबा : जिला एवं सत्र न्यायधीश चंबा राजेश तोमर की अदालत ने चरस तस्करी के जुर्म में दो व्यक्तियों को 12 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने हेमराज निवासी गांव व डाकघर थल्ली तहसील चुराह जिला चंबा और कुलवंत सिंह निवासी अर्बन एस्टेट फेज-एक, 160-डी फोकल प्वाइंट लुधियाना को 12 साल की सजा के साथ एक लाख 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि अदा न करने की सूरत में उन्हें एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
मामले की पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी विजय रेहलिया ने बताया कि 21 दिसंबर 2014 को मुख्य आरक्षी वरिंद्र सिंह के नेतृत्व में मोहम्मद असलम, आरक्षी योगराज, सुनील कुमार और संजय कुमार के पुलिस दल ने चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर नाकाबंदी की हुई थी। इस दौरान देर रात समय करीब 3.50 बजे बनीखेत की ओर से आए वाहन नंबर पीबी-65ए-9377 को निरीक्षण के लिए रोका गया। इस दौरान कार में पैरों के नीचे एक नीले रंग का बैग रखा गया था। जब वह बैग खोला गया तो उसमें से पुलिस को चार किलो 100 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया था। जांच के उपरांत मामले का चालान बनाकर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। 12 गवाहों की दलीलें सुनने के उपरांत माननीय न्यायालय ने उक्त दोनों दोषियों को उक्त सजा सुनाई है।