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विभाग में विलय न करने से पंचायत सचिवों में रोष

हिमाचल प्रदेश पंचायती राज महासंघ इकाई तीसा द्वारा सोमवार को एक बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता इकाई के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने की। बैठक मे सरकार द्वारा जलागम परियोजना के 103 कर्मचारियों के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में सीधे समायोजन करने की अधिसूचना का स्वागत किया गया। राकेश शर्मा तथा अन्य सदस्यों ने कहा कि काफी समय से यह मामला अधर में लटका हुआ था। इसके विपरीत पंचायत सचिव संघ के सदस्यों ने इस बात पर रोष प्रकट किया है कि जिला परिषद कैडर के तहत कार्यरत पंचायत सचिव पिछले 20 वर्षों से लगातार ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 04:30 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 06:38 AM (IST)
विभाग में विलय न करने से पंचायत सचिवों में रोष
विभाग में विलय न करने से पंचायत सचिवों में रोष

संवाद सहयोगी, चंबा : प्रदेश पंचायतीराज महासंघ इकाई तीसा की बैठक अध्यक्ष राकेश शर्मा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सरकार द्वारा जलागम परियोजना के 103 कर्मचारियों के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग में सीधे समायोजन करने की अधिसूचना का स्वागत किया गया। राकेश शर्मा ने कहा कि काफी समय से यह मामला लटका हुआ था। इसके विपरीत पंचायत सचिव संघ के सदस्यों ने रोष प्रकट किया है कि जिला परिषद कॉडर के तहत कार्यरत पंचायत सचिव 20 साल से ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अधीन सेवाएं दे रहे हैं लेकिन विलय विभाग में नहीं किया जा रहा है। सभी कर्मचारियों को जिला परिषद कॉडर में नियमित किया गया। जबकि वे सभी पंचायतीराज विभाग के कार्यों को पूरा कर रहे हैं। ऐसे में विभाग में विलय का अधिकार पहले उनका बनता है, जोकि नहीं किया गया है। इसको लेकर पंचायत सचिवों में रोष है। उन्होंने कहा कि उक्त विभाग के अधीन विभिन्न श्रेणियों में जिनमें कनिष्ठ अभियंता, तकनीकी सहायक, आशुलेखापालक आदि जिला परिषद कॉडर के कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन इनका विभाग में विलय नहीं किया जा रहा है। विभाग की अधिसूचना का निर्णय काफी हैरानी भरा है, क्योंकि जलागमन परियोजना व पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि में कार्यरत कर्मचारी को करीब दो साल पहले विभाग के आदेशानुसार जिला परिषद कॉडर में विभिन्न पदों पर अनुबंध पर वैकल्पिक नियुक्ति दी गई थी। उस समय जिन कर्मचारियों ने विभाग के आदेश की अनुपालना नहीं की। उन्हें ग्रामीण विकास पंचायतीराज विभाग में सीधे तौर पर दो साल पहले की तिथि से नियुक्ति देने की अधिसूचना जारी कर देना भेदभावपूर्ण निर्णय है।

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